दरभंगा।कहल जाइछ जे गायब आ कानब सबकें जन्महि सं अबिते रहैत छैक। नवजात शिशु जन्मक उपरांत जे कानय लगैत अछि से सुरमे कनैत अछि। यदि मिथिलाक विशेष संदर्भ मे गप करब त’ ई सर्वविदित सत्य अछि जे हमरा सभक संस्कृतिमे शोइरी सं सारा धरिक गीत होइछ। कोनो पाबनि तिहार हो आकि उपनयन, मूड़न, विवाह आदि सांस्कृतिक उत्सव सबमें गीतनाद भेले ताकय। गीतनादक बिना सबटा शून्य सन लगैत छैक। प्राचीन काल सं मैथिल ललना लोकनिक कंठ मे लोक गीतक भंडार विद्यमान रहैत आयल अछि‌। एमहर हेमनि मे आबि क’ जखन विज्ञान आ तकनीकी दिस सब आकर्षित भेल अछि तखन एहि धरोहर कें बचायब एकटा कठिन चुनौती बनि चुकल अछि। एहि कठिन चुनौती कें स्वीकार करैत ‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ आठदिनक अष्टदल सन सांस्कृतिक उत्सव केर आयोजनक संकल्प लेलनि। आयोजनक दोसर दिन गीतनाद केर प्रस्तुति भेल।जाहि मे लोकगीत आ शास्त्रीय संगीत, उपशास्त्रीय संगीत सहित कतोक मोहक प्रस्तुति सं स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर दरभंगा ( इन्द्रभवन लग) केर परिसर गुलजार भ’ उठल।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि छला ए.के. कश्यप जे कलाकार लोकनिक मुक्त कंठ सं प्रशंसा केलनि।
एहि अवसर पर विश्वविद्यालयक संगीत विभागक छात्र /छात्रा स्तुति,मीनू,आरती, कंचन, दीपिका,बंटी, आनंद,दीपक, नरेंद्र,गुलशन, ऋषिकेश, रामकिंकर झा, रामबिहारी झा आ आदित्य प्रकाश तथा ‘द गंधर्व बैंड’ दिस सं अभिषेक कुमार गामी, अभिषेक कर्ण,अमित पौल, परमवीर प्रताप सिंह, अविनाश कुमार, मोहित पाण्डेय,शिवम पोद्दार,शिवम शेखर,उमर अली आ सुमन कुमार सिंह सहित दर्जनों कलाकार अपन प्रतिभा सं पूरा वातावरण सं संगीतमय बना देलनि। एकर अतिरिक्त मधुबनी सं आयल सुभद्रा कुमारी झा आ किशोर कुमार अपन अपन एकल प्रस्तुति सं श्रोता कें मोहित करता मे सफलता प्राप्त केलनि। आजुक कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ.सत्येन्द्र कुमार झा संचालन अखिलेश कुमार झा आ धन्यवाद ज्ञापन मोहन मुरारी केलनि। एहि तरहे अष्टदल केर दोसर दिनक कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न भ’ गेल। तेसर दिन संगोष्ठी आ एकल नाट्य प्रस्तुति होयत।