अष्टदल की पूर्णाहुति में
दरभंगा।द स्पाॅटलाइट थिएटर दरभंगा’ द्वारा आयोजित आठ दिवसीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव अष्टदल 2020-22 के अन्तिम दिन दो नाटकों का हुआ मंचन।’
पहला मंचन में परिवार का संचालन जिस प्रकार परिवार के मुखिया के व्यक्तित्व और चरित्र पर निर्भर करता है। राज्य का व्यवस्थित संचालन राजा की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। यदि राजा अच्छा हो तो राज्य संचालन अच्छा होता है, किन्तु यदि राजा चौपट हो तो उस नगरी का भविष्य अंधकारमय होना तय है। इसी तथ्य पर आधारित नाटक अंधेर नगरी का मंचन ‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ द्वारा आयोजित आठ दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव अष्टदल के अन्तिम दिन स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर इन्द्रभवन के पास दरभंगा के प्रेक्षागृह में हुआ। हज्जू म्यूजिकल थिएटर पटना की प्रस्तुति ने लोगों को मोहित कर लिया। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र रचित नाटक का निर्देशन सुरेश कुमार हज्जू ने किया।
उसके तुरंत बाद अभिनव थिएटर, लखीमपुर असाम की प्रस्तुति “कड़वा सच” स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर इन्द्रभवन के पास दरभंगा के प्रेक्षागृह में हुई।
“कड़वा सच” एक ऐसी कहानी है जिसमें एक कलाकार को और उसके जीवन के संघर्ष को दिखाया गया है। कलाकार मनोरंजन कर बड़ी मुश्किल से अपना जीवन यापन करता है लेकिन सुविधा के नाम पर उसके पास कोई साधन नहीं होता है फिर भी वह कला को आगे बढ़ाने के लिए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अपनी आखिरी सांस तक मेहनत करता रहता है और यह लड़ाई हार जाता है उसके बाद उसके इस संकल्प को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी उसकी पत्नी और उसकी बेटी अपने कंधों पर लेती है और फिर कुछ बदलाव के साथ कलाकार का जीवन आगे बढ़ता है। कुशल डेका के असमिया नाटक की कथा वस्तु को कलाकारों ने जीवंत कर यथार्थ चिंतन के लिए दर्शकों को विवश कर दिया। इस नाटक का हिन्दी अनुवाद रवि वर्मा ने किया है और दयाल कृष्ण नाथ ने इस नाटक का निर्देशन किया है। साथ ही इस प्रस्तुति में मंच पर दयाल कृष्ण नाथ, दक्षिणा नाथ, रवि रंजन, रवि वर्मा, निकिता कुमारी, जय कुमार भारती व अंजारउल हक है। इस प्रस्तुति के प्रकाश संयोजन वरुण कौर ने की है।
इस तरह अष्टदल सांस्कृतिक महोत्सवक का सफल समापन हुआ।