केंद्र सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण बालासोर रेल हादसे से हुई भयंकर त्रासदी के खिलाफ आइसा, आर वाई ए ने संयुक्त रूप से निकाला कैंडल मार्च।

#MNN@24X7 दरभंगा। 10 जून, उड़ीसा के बालासोर में हुई रेल त्रासदी में 300 से भी अधिक मारे गए नागरिकों की याद में तथा भाजपा सरकार द्वारा भारतीय रेल के प्रति बरती जा रही आपराधिक लापरवाही के खिलाफ आइसा एवं आर वाई ए के संयुक्त तत्वावधान में दरभंगा स्टेशन के सामने कैंडल मार्च का आयोजन किया गया।

मार्च के उपरांत हुई प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए आइसा जिला सचिव मयंक कुमार ने कहा कि ये भारत के इतिहास की संभवतः सबसे बड़ी रेल दुर्घटना है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार पूरी जिम्मेदारी लेने के बजाए जनता को गुमराह करने पर ज्यादा ध्यान दे रही है।

उन्होंने आगे कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। रेल मंत्री की बेखबरी शर्मनाक है।

आर वाई ए नेता अमित पासवान ने कहा कि रेलवे में व्यापक पैमाने पर पद खाली हैं। दुर्घटना रहित यातायात सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के तीन–साढ़े तीन लाख खाली पदों को अविलंब भरे सरकार। आइसा नेत्री ओणम सिंह ने कहा कि रेल बजट में कटौती करना बंद करके रेल बजट को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।मौके पर आइसा नेता राजू कर्ण ने रेल के निजीकरण को जनविरोधी बताते हुए विरोध किया।

सभा की अध्यक्षता आइसा नेता मिथिलेश कुमार और दीपक कुमार ने की। कैंडल मार्च सह प्रतिरोध सभा में जन संस्कृति मंच के शिक्षाविद डॉ संजय कुमार, किशुन कुमार, चंद्रमोहन यादव, सरवन कुमार, उमेश कुमार, राजीव कुमार, दिलीप कुमार, देव कुमार, रवि शर्मा,सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भागीदारी रही।