ललित नारायण मिथिला वि वि के कुलपति और निवर्तमान कुलसचिव के कार्यकाल की हो उच्चस्तरीय जांच।
सभापति ने सभी मांगों करवाई का दिया अश्वाशन।
वि वि के अधिकारियों की गलती के वजह से आज तक लॉ कॉलेज में नामांकन बंद।
#MNN@24X7 दरभंगा 16 जनवरी, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन आइसा के राज्य सह सचिव शम्स तबरेज, राज्य कार्यकारणी सदस्य प्रिंस राज ने आज दरभंगा पहुंचे कृषि उधोग समिति के सभापति सह भाकपा(माले) तरारी विधायक सुदामा प्रसाद से जिला अतिथि गृह में मिलकर एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है की ललित नारायण मिथिला वि वि के कुलपति और निवर्तमान कुलसचिव कें कार्यकाल की जांच करवाने, उत्तर बिहार के एक मात्र सरकारी लॉ कॉलेज सीएम लॉ कॉलेज को लेकर वि वि प्रशासन द्वारा बीसीआई को गलत एफिडिफिट देने के कारण आज तक नामांकन पर रोक लगा हुआ है उसे पुन चालू करवाने,साथ ही साथ नियम के विपरित विज्ञान के शिक्षक को प्रभारी प्रधानाचार्य से हटाने, साथ ही साथ लंबे समय से शिक्षक कर्मचारियों के बकाए वेतन का भुगतान करने, नालंदा खुला वि वि के तर्ज पर उतर बिहार में एक नया खुला विश्व विद्यालय की स्थापना करने, अथवा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को ही खुला वि वि घोषित करने, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ललित नारायण मिथिला वि वि में कार्यरत शिक्षा कर्मियों का लंबित वेतन भुगतान करने के साथ विश्व विद्यालय के रिक्त पदों पर समायोजन करने, ललित नारायण मिथिला वि वि प्रशासन द्वारा वाणिज्य संकाय के डीन की अवैध नियुक्ति रद्द करवाने, तथा जांच कर करवाई करवाने, बिहार के वि वि में लंबे समय से रिक्त पड़े शिक्षक-कर्मचारी की बहाली करने, संबंध व अंगीभुत महाविद्यालयों में स्थाई प्रधानाचार्य की नियुक्ति करने, अतिथि शिक्षक के बकाए वेतन का भुगतान करने, ललित नारायण मिथिला वि वि सहित बिहार के सभी वि वि में आंदोलन रत्त वि वि कर्मचारियों के मांग को पूरा करवाने, बिहार के लाइब्रेरी में लंबे समय से रिक्त परे लाइब्रेरियन के पद पर बहाली करवाने सहित मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने के बाद आइसा राज्य सह सचिव शम्स तबरेज व राज्य कार्यकारणी सदस्य प्रिंस राज ने बताया की सभापति महोदय द्वारा सभी मांगों को संबंधित विभागों को लिखकर करवाई करवाने का अश्वासन दिए है।
आइसा नेताओ ने बताया की वर्तमान कुलपति और निवर्तमान कुलसचिव के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। करोड़ों रुपया का गबन हुआ है। अपने चहेते लोगो को अधिकारी बनाए हुए है। इस सवालों पर लगातार आइसा आंदोलन रत्त है।