-आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है उद्देश्य
-मरीजों में स्वरोजगार की प्रवृत्ति होगी विकसित
#MNN@24X7 मधुबनी /12 जून, केंद्र सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी (यक्ष्मा) मुक्त करने का निर्णय लिया है। सरकार इसके लिए प्रयासरत भी है। इसी आलोक में टीबी मरीजों के लिए सरकार तथा अन्य संस्थाओं के द्वारा कई पहल किए जा रहे हैं.सरकार यक्ष्मा मरीजों को उपचार व पौष्टिक आहार लेने के लिए निक्षय पोषण राशि भी उपलब्ध करवा रही है। साथ ही कई संस्थाओं एवं आम लोगों के लिए सरकार निक्ष्य मित्र योजना का भी संचालन कर रही है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक आहार व अन्य प्रकार से सहयोग कर सकता है. वहीं कुछ संस्थाएं यक्ष्मा मरीजों को स्वरोजगार भी उपलब्ध करा रहा है इसी क्रम में जयनगर के मोहम्मद नोशाद, रहिका प्रखंड के शगुफ्ता प्रवीण , पंडोल प्रखंड के भोला राउत, विस्फी प्रखंड के मोहम्मद परवेज, विस्फी प्रखंड के पप्पू चौपाल को आईआईएच संस्था( इनोवेटर्स इन हेल्थ ) इंडिया की ओर से सिलाई मशीन जीविका उपार्जन के लिए दिया गया। पूर्व में भी जिले के कई एमडीआर टीबी मरीजों को संस्था के द्वारा स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया हैं.सीडीओ डॉक्टर जी. एम.ठाकुर ने टीबी मुक्त अभियान के तहत जिले में और कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं , इसके लिए हम सब मिलकर संकल्पित है जिले को जल्द से जल्द टीबी मुक्त बनाया जाए.
2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य:
डीपीसी पंकज कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए जमीनी स्तर (ग्रास रूट) पर कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं लोगों को भी समेकित रूप से जागरूकता हेतु प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रखंड स्तर पर प्रत्येक समुदाय में कार्य कर रही है और ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार हमारा संपूर्ण लक्ष्य है। जिससे टीबी पर विजय पाई जा सके। टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है,बशर्ते वह नियमित रुप से दवा का सेवन करें. टीबी के रोगियों को नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक प्रखंड में स्पुटम जांच की व्यवस्था की गई है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
•लगातार 2 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
•खांसी के साथ खून का आना
•छाती में दर्द और सांस का फूलना
•वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
•शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
•रात में पसीना आना।