#MNN@24X7 दरभंगा। विश्वविद्यालय मैथिली विभागऽक द्वारा प्रो रमेश झा केर अध्यक्षता में आचार्य सोमदेव के निधन के अवसर पर एकटा शोक सभा के आयोजन कैल गेल, जाहिमे सबटा शिक्षक, शोधार्थी आ छात्र छात्रा सब हिस्सा लेलन्हि। आरम्भ में आचार्य सोमदेव’क व्यक्तित्व आ कृतित्व के चर्चा करैत हिन्दी भाषा के प्रो रमेश झा कहलनि जे सोमदेव मैथिली आ हिन्दी भाषा के नीक विद्वान छलाह। ओ महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय में कई एक दशक धरि विद्यार्थि सब के हिन्दी के यसस्वी प्राध्यापक के रूप में सेहो अपन परिचिति बनेने छलाह।
प्रो दमन कुमार झा कहलनि जे ओ हमर गुरु छलाह। वर्ग मे पढेबाक संगहि संग बहुत रास संस्मरण सेहो सुनबैत रहैत छलाह। कहियो पोथी लेखन प्रसंग, कहियो कवि सम्मलेन प्रसंग,तऽ कहियो जीवन दर्शन प्रसंग। हुनका सं बहुतरास बात हमरा सिखबाक लेल भेटल। कई एक बेर हुनकर निवास पर सेहो जेबाक अवसर भेटल। हरेक बेर पुत्रवत स्नेह प्राप्त भेल। दरभंगा स्तिथ अध्ययन क्रम में हम जिनका जिनका व्यक्तित्व सं शिक्षा प्राप्त केलौ। ओहि मे एखन धरि बचल गुरु आचार्य सोमदेव के जेनाइ हमरा लेल शून्य उत्पन्न कऽ गेल।
प्रो अशोक कुमार मेहता हुनका मैथिली के रचनाकारऽक रूप में मोन पारलैन। ओ कहलनि जे ओ सहजतावाद के प्रणेता छलाह। हुनकर कविता, कथा आ उपन्यास सदैव नव पीढ़ी केऽ लेल प्रेरणादायक रहत। मंचीयकवि के रूप में ओ सदैव आकर्षण के केंद्र में रहलाह। काव्य प्रस्तुति में हुनकर आंगिक आ वाचिक समन्वय मनोहरी रहैत छल। हुनकर जेनाइ मैथिली साहित्य के लेल अपूर्णीय क्षति अछि।
डॉ सुनीता कुमारी ने कहलनि जे हमरा ई सौभाग्य भेटल जे हम ओहि महाविद्यालय में सर्वप्रथम योगदान केलहुँ जतय आचार्य सोमदेव कहियो प्रोफेसर छलाह। हुनका सम्बन्ध में बहुते तरहऽक संस्मरण महाविद्यालय में सुनबाक लेल भेटैत रहैत छल। आइ ओ नहि छथि ऐहन प्रतीत नहि होइत अछि।
एहि अवसर पर वन्दना कुमारी , दीपेश कुमार , दीपक कुमार , हरेराम पंडित , नीतू कुमारी , राज्यश्री कुमारी और शालिनी कुमारी , भाग्यनारायण झा आ नृपति नारायण झा आदि उपस्थित छलाह। अंत में दू मिनट के मौन धारण कऽ हुनका प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कैल गेलन्हि।