आवासीय भूमि और पक्का मकान को लेकर गरीबों की हो रही भारी गोलबंदी- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।
72 हजार रु. से नीचे के आय प्रमाण पत्र के डेढ़ लाख से अधिक फॉर्म भरे गए।
बिहार में जारी जमीन सर्वेक्षण में कई प्रकार की आशंकाएं, सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए।
#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रुपए की सहायता राशि के लिए 72 हजार रूपए से नीचे का आय प्रमाण-पत्र, भूमिहीनों के लिए 5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान के सवाल पर भाकपा-माले द्वारा चलाए जा रहे हक दो- वादा निभाओ अभियान को जनता का जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। गांवों से शहर तक गरीबों की भारी गोलबंदी विगत 22 अगस्त को अंचल-प्रखंड प्रखंड मुख्यालय पर हुआ था। 72 हजार रुपए से नीचे के तकरीबन 4 सौ, 5 डिसमिल जमीन के लिए 65 और पक्का मकान के तरकीबन 102 फॉर्म भराए गए हैं। यह अभियान अभी भी जारी है और आगामी 24 सितंबर को एक बार फिर से अंचल-प्रखंड मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
उक्त बातें माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने गुरुवार को बाजार क्षेत्र के फलमंडी में आयोजित प्रखंड कमिटी की बैठक में कहा। बैठक में उनके अलावा पार्टी के ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, आसिफ होदा, मो० एजाज, मो० कयुम, मुकेश कुमार गुप्ता, शंकर महतो, मो० अबुबक अरशद कमाल बबलू, परवेज कलीम आदि उपस्थित थे।
बैठक में बिहार में जारी भूमि सर्वेक्षण पर विभिन्न कोनों से उठ रहे सवालों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रतीत होता है कि सरकार की बुनियादी मंशा जमीन को गरीबों से छीनकर उसे सरकारी घोषित कर देने की है. कई तरह की विसंगतियां उभरकर सामने आ रही हैं। भाकपा-माले भूमि सर्वेक्षण में गरीबों, आदिवासियों और अन्य वंचित वर्गों के भूमि अधिकारों पर समुचित रूप से ध्यान देने की मांग करती है जिसकी उपेक्षा सर्वे में की जा रही है.। बरसों बरस से बसे गरीबों को कागज का बहाना बनाकर उनके अधिकार को अवैध घोषित कर दिया जा रहा है। यह गरीबों, किसानों व वंचितों की हकमारी है।
अतः माले की मांग है कि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को अधिक न्यायपूर्ण, पारदर्शी और समावेशी बनाने तथा दलित-गरीबों के हितों की रक्षा के लिए सबसे पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग सरकार से की है।
बैठक के अंत में रहीमाबाद के बहादुरनगर निवासी व्योबृद्ध माले कार्यकर्ता का० सिया देवी (70) की निधन पर दुख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दिया गया।