*इग्नू के समस्त क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा पूरे भारतवर्ष में चलाया जा रहा है योग जागरूकता अभियान- प्रो सत्यकाम*

*योग मन का विज्ञान, शरीर संतुलन की क्रिया तथा मानव को सकारात्मक बनाने की बेहतरीन कला- आरबी ठाकुर*

*योग मानव शरीर को स्वस्थ, मन को नियंत्रित तथा समाज को सर्वविध सुखी बनाने में सक्षम- डा विकास*

*प्राचीन परंपरा से प्राप्त भारतीय मनीषियों की अनुपम देन योग जन- जन कल्याणार्थ बेहद उपयोगी- डा शंभू शरण*

*शुद्ध चित्त, नियंत्रित मन तथा स्वस्थ शरीर प्राप्ति हेतु नित्य योगाभ्यास अनिवार्य- पंकज आनंद*

*योग जीवनदायिनी शक्ति जो हमारे जीवन को धन्य- धन्य व दीर्घ करने में पूर्णतः समर्थ- प्रो कमलेश*

*एकाग्रता, स्मरणशक्ति, आत्मविश्वास व रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि हेतु योग रामबाण- डा चौरसिया*

दरभंगा। योग केवल नित्य कर्म ही नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान-परंपरा व दर्शन का विविध आयाम भी है। यह ऐसी शारीरिक क्रिया है, जिससे तन एवं मन दोनों स्वस्थ होते हैं। योग संपूर्ण शरीर और आंतरिक मन को परिष्कृत करता है। उक्त बातें इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, दरभंगा के तत्वावधान में “समग्र स्वास्थ्य प्राप्ति में योग की महत्ता” विषयक राष्ट्रीय वेबीनार का उद्घाटन करते हुए इग्नू, नई दिल्ली के सम कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कही।

उन्होंने योग को विश्व के लिए भारत की बेहतरीन देन बताते हुए कहा कि यह भारत की पहचान भी है, जिसपर हम गर्व कर सकते हैं। इग्नू द्वारा 12 मई से 20 जून,2022 के बीच मनाए जा रहे योग महोत्सव के प्रभारी के रूप में उन्होंने कहा कि इग्नू के समस्त क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा पूरे भारतवर्ष में योग जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

विषय प्रवर्तक के रूप में आरोग्य भारती के योगाचार आरबी ठाकुर ने कहा कि योग मन का विज्ञान, शरीर संतुलन की क्रिया तथा मानव को सकारात्मक बनाने की बेहतरीन कला है। 90% बीमारियां मानसिक होती हैं, जिनका नियंत्रण योगविज्ञान से संभव है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हमारे मन में कम से कम 30 से 40 हजार विचार उत्पन्न होते हैं, जिनमें नकारात्मक विचारों का नियंत्रण योगाभ्यास से संभव है। उन्होंने डीएडिक्शन एवं रोग निवारण में योग की महत्वपूर्ण भूमिका की विस्तार से चर्चा की।

मुख्य वक्ता के रूप में मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा विकास सिंह ने कहा कि योग की जानकारी हमें सिंधु सभ्यता से ही प्राप्त होती है जो मानव का समग्र विकास कराती है। उन्होंने दैनिक जीवन में अष्टांग योग की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि योग मानव शरीर को स्वस्थ, मन को नियंत्रित तथा समाज को सर्वविद्ध सुखी बनाने में सक्षम है।

विशिष्ट वक्ता के रूप में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ योगा के आचार्य पंकज आनंद ने योग द्वारा तनाव- प्रबंधन पर व्याख्यान देते हुए कहा कि शुद्ध चित्त, नियंत्रित मन तथा स्वस्थ शरीर प्राप्ति हेतु नित्य योगाभ्यास अनिवार्य है। उन्होंने भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, शवासन, उष्ट्रासन, नौकासन, मत्स्यासन, चक्रासन, सर्वांगासन आदि के तरीके एवं लाभों को पीपीटी के माध्यम से विस्तार से बताते हुए आयुर्वेद के अनुसार संतुलित व पौष्टिक आहार की जानकारी दी तथा तनाव प्रबंधन के विभिन्न उपायों के तरीके भी बताए।

सम्मानित वक्ता के रूप में एमएलडी कॉलेज, सहरसा के पूर्व प्राध्यापक योगाचार्य प्रो श्रीचंद्र झा ने ‘समग्र स्वास्थ्य प्राप्ति में षड्कर्म’ की भूमिका की चर्चा करते हुए जलनीति, शंखप्रक्षालन, ताड़ासन आदि की विधि एवं लाभ बताते हुए शारीरिक संतुलन एवं शरीर से विषाक्त तत्वों के निवारण के उपाय बताएं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, दरभंगा के वरीय निदेशक डा शंभू शरण सिंह ने कहा कि योग प्राचीन परंपरा से प्राप्त भारतीय मनीषियों की अनुपम देन है जो जनकल्याणार्थ बेहद उपयोगी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून, 2015 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि आज 180 से अधिक देशों द्वारा योग दिवस मनाया जाता है। योग व्यावहारिक और समाज को जोड़ने का काम कर रहा है। उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जीडी कॉलेज, बेगूसराय के इग्नू- समन्वयक प्रो कमलेश कुमार ने कहा कि योग जीवनदायिनी शक्ति है जो हमारे जीवन को धन्य-धन्य एवं दीर्घ करने में पूर्णतः समर्थ है। योग व्यापार नहीं, बल्कि श्रेष्ठ जीवन पद्धति है।

कार्यक्रम में सहायक कुलसचिव राजेश कुमार शर्मा, डा शिशिर कुमार झा, मोमित लाल, संजीव कुमार, शैलेंद्र नाथ तिवारी, राजीव रंजन, डा अनिल कुमार, शालिनी सिंह, मदन मोहन ठाकुर आदि सहित सैकड़ों विद्वान एवं श्रोता गूगल मीट, फेसबुक तथा यूट्यूब माध्यमों से भारत के विभिन्न भागों से कार्यक्रम में जुड़े। सहायक कुलसचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि भारतीय स्वतंत्रता के 75 में वर्ष में अमृत महोत्सव के तहत इग्नू द्वारा योगमहोत्सव मनाया जा रहा है।कार्यक्रम का प्रारंभ इग्नू के कुलगीत से हुआ।

सहायक निदेशक डा राजीव कुमार के सफल संचालन में आयोजित ऑनलाइन व ऑफलाइन चार सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में सी एम कॉलेज, दरभंगा के इग्नू कोऑर्डिनेटर डा आर एन चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापन एवं कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत करते हुए कहा कि एकाग्रता, स्मरणशक्ति, आत्मविश्वास व रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि हेतु योग रामबाण सदृश्य है। यह एक उत्कृष्ट जीवन शैली है, जिससे स्वस्थ व्यक्ति द्वारा समाज को खुशहाल बनाया जा सकता है।