उद्यमीय अवसर का दोहन करें : प्रोफेसर सिंह

नए उद्यमियों को विपणन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका उपक्रम उत्तरोत्तर विकास करें, यह तभी संभव है जब उत्पाद या सेवा का दिनानुदिन बाजार विस्तार हो। इसमें विपणन की महती भूमिका है। चूंकि नए उद्यमी की कड़ी प्रतिस्पर्धा पूर्व से स्थापित व्यवसायों से रहती है जिनका विपणन तंत्र ज्यादा मजबूत रहता है, अतः उन्हें एक उचित विपणन तंत्र की व्यवस्था बनाने का प्रयास करना चाहिए।

ये बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग में आयोजित उत्तर बिहार में उद्यमिता विकास विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के चतुर्थ तकनीकी सत्र में बतौर अध्यक्ष वाणिज्य के प्राध्यापक एवं कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ एस पी गुप्ता ने कही।
संसाधन पुरुष सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दरभंगा के शाखा प्रबंधक सुशील कुमार लाभ ने उद्यमियों के सहायतार्थ व्यवसायिक बैंकों एवं अन्य विशिष्ट संस्थाओं के द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की ।

शिक्षा क्षेत्र से संबंध रखने वाले सामाजिक उद्यमी दरभंगा पब्लिक स्कूल, दरभंगा के निदेशक विशाल गौरव ने उद्यमिता को एक व्यवसाय के रूप में अपनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। उनके अनुसार, उद्यमिता के विकास से उत्तर बिहार को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त बनाना संभव है। वहीं, तीसरे संसाधन पुरुष डॉ अशोक कुमार प्रसाद ने एक नए उद्यमी की राह की बाधाओं एवं उनके निराकरण के उपाय सुझाए। उन्होंने उद्यमिता के संवर्धन के लिए विपणन व्यूहरचना प्रबंध की अवधारणा की सरल व्याख्या प्रस्तुत की।

मालूम हो कि कार्यशाला के तीसरे दिन चतुर्थ तकनीकी सत्र आयोजित हुआ। इसका विषय उद्यमियों को विपणन एवं वित्तीय संस्था गत सहायता था। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ एस सी गुप्ता ने की ।वहीं, समन्वयक प्रबंधन के अतिथि संकाय डॉ प्रभात कुमार एवं प्रतिवेदक विभाग के शोध छात्र कुमार अरस्तु थे।

दोपहर पश्चात कार्यशाला के समापन सत्र का आयोजन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति महोदय ने अपने उद्बोधन में उत्तर बिहार के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए उद्यमी संस्कृति को बढ़ावा देने की वकालत की।उन्होंने प्रतिभागियों से रोजगार चाहने वाले बनने की बजाय रोजगार प्रदाता बनने की सलाह दी। उत्तर बिहार क्षेत्र में उद्यमिता के अनेकानेक अवसर उपलब्ध हैं, केवल उनकी पहचान कर शुरुआत करने की जरूरत है। अपनी सृजनात्मकता को प्रकाशित कर स्वयं एवं समाज का हित किया जा सकता है।

समापन सत्र की अध्यक्षता वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर बी बी एल दास ने की। इस समारोह में सम्मानित अतिथि विद्यालय के आइक्यूएसी निदेशक डॉक्टर जिया हैदर, विशिष्ट अतिथि श्रीमती आकांक्षा डीडीएम नाबार्ड, समेत विश्वविद्यालय के अधिकारीगण, प्रोफेसर एल पी सिंह, डॉ सोनी कुमारी एवं वाणिज्य के शिक्षकगण की गरिमामय उपस्थिति रही।
सत्र में डिंपल सारस्वत मंच संचालक की भूमिका में थी।
सत्र का समापन कार्यशाला के आयोजन सचिव एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष और निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।