#MNN24X7पटना: उमेश सिंह कुशवाहा एक बार फिर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष होंगे. शनिवार को दूसरी बार उन्हें निर्विरोध चुना गया. उमेश कुशवाहा ने शनिवार की सुबह 11 बजे प्रदेश कार्यालय में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था. उनके साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे, जो उनके प्रस्तावक बने. दो बजे दिन तक नामांकन करने की प्रक्रिया थी लेकिन किसी और ने नामांकन नहीं किया. ऐसे में उमेश कुशवाहा निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं.

जदयू के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी जनार्दन सिंह ने बताया कि उमेश सिंह कुशवाहा के कागजात की स्क्रूटनी कर ली गई है. कहीं कोई त्रुटि नहीं है और न ही किसी दूसरे व्यक्ति ने नामांकन किया है. इसलिए उमेश सिंह कुशवाहा निर्विरोध जेडीयू प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष के लिए निर्वाचित हो गए हैं. दरअसल जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार को यानी आज ही अपना नामांकन दाखिल किया था. नॉमिनेशन के निर्धारित समय के भीतर उनके खिलाफ किसी और ने नामांकन दाखिल नहीं किया. जिसके बाद उनके कागजातों की जांच हुई और उन्हें निर्विरोध जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित कर दिया गया.

उमेश कुशवाहा पिछले 22 महीने से जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं. 2019 में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ था जिसमें वशिष्ठ नारायण सिंह निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण वशिष्ठ नारायण सिंह ने पद से त्यागपत्र दिया था. जिसके बाद उमेश कुशवाहा को जदयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. जदयू प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन करने के बाद उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझ पर भरोसा जताया है तो मैं आगे अपने कर्तव्य का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा. उन्होंने कहा कि दुबारा मुझे प्रदेश अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया है. हमारे नेता ने मुझ पर जो उम्मीद जताई है, उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.

बता दें कि उमेश कुशवाहा के एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए उनका जातीय समीकरण में भी फिट बैठना है. जेडीयू का कोर वोट बैंक के रूप में जिन जातियों को देखा जाता है उसमें लव-कुश समीकरण यानी कुर्मी-कुशवाहा-कोयरी गठजोड़ पर सबसे पहले है, इसके बाद पार्टी को भूमिहार जाति का वोट मिलता रहता है. उमेश कुशवाहा कुश यानि कुशवाहा जाति से आते हैं औोर जेडीयू की जातिगत राजनीति में फिट हैं. वहीं उमेश कुशवाहा जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी क आगे ले जाने में कोई खास योगदान नहीं दे सके हों लेकिन वह सबको मिलाकर चलने वाले नेता में गिने जाते हैं.