#MNN@24X7 प्रयागराज, देश को दहला देने वाले उमेश पाल हत्याकांड को एक साल पूरे हो गए। बीते साल 24 फरवरी को इस सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया गया था। बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो गनर राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद की बम और गोली मारकर हत्या कर दी गई।यह महज एक गवाह और दो पुलिसकर्मियों का कत्ल नहीं था।सरेआम बम-गोलियां बरसाकर तीन बेगुनाहों की नृशंस हत्या के साथ ही लड़खड़ा रहे आतंक के साम्राज्य को फिर से खड़ा करने की साजिश भी थी।
मकसद अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को यह बताना था कि अंजाम वही होगा, जो अरसे से होता आया है।योगी सरकार ने इसे अपने इकबाल के लिए चुनौती माना और फिर इसके बाद जो हुआ वह इतिहास बन गया।जबरदस्त खौफ बना माफिया अतीक अहमद का नाम अतीत हो गया।जुर्म की सल्तनत ढह गई और कुनबा भी बिखर गया। अपने दोस्त को इंसाफ दिलाने की लड़ाई में जान गंवाने वाले उमेश पाल और उनके दो अंगरक्षकों को न्याय दिलाने की कार्रवाई एक साल में कहां तक पहुंची, इसकी पड़ताल इस खास कवरेज में।
देश भर की सनसनी बने उमेश पाल और उनके दो अंगरक्षकों की हत्या की वारदात को आज शनिवार एक साल पूरा हो गया।एक साल में पुलिस की ओर से की गई जांच पड़ताल में अब तक कुल 28 मुल्जिमों के नाम सामने आए हैं।इनमें से माफिया अतीक अहमद और उसका भाई माफिया अशरफ समेत सात मिट्टी में मिल चुके हैं तो वहीं 10 सलाखों के पीछे हैं। पांच-पांच लाख के तीन इनामी शूटरों समेत 11 आरोपियों के संबंध में विवेचना जारी है।इनमें फरार चल रहीं अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन, अशरफ की बेगम जैनब फातिमा उर्फ रूबी के अलावा तीन पांच-पांच लाख के इनामी शूटर और जेल में बंद बेटे उमर, अली और एक अन्य बेटा अहजम और एक नाबालिग बेटा भी शामिल है।
देश को दहला देने वाले इस तिहरे हत्याकांड में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की ओर से अतीक, अशरफ, शाइस्ता परवीन, बमबाज गुड्डू मुस्लिम और गुलाम को नामजद कराया गया था। इसके अलावा अतीक अहमद के पुत्र, नौ अज्ञात और अतीक के अन्य अज्ञात सहयोगियों को भी आरोपी बनाया गया। विवेचना शुरू होने से लेकर अब तक इस मामले में कुल 23 अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आ चुके हैं। इनमें सात शूटरों के नाम हैं,जिन्होंने मौका ए वारदात पर बम-गोलियां बरसाकर उमेश पाल व उनके दो गनर की हत्या की।
21 ऐसे नाम हैं जिन पर आरोप है कि वह इस वारदात की साजिश में शुरू से अंत तक न सिर्फ शामिल रहे, बल्कि पर्दे वारदात को अंजाम देने में शूटरों की कदम-कदम पर मदद भी की। कुल 28 में से सात आरोपी मिट्टी में मिल चुके हैं। इनमें से माफिया अतीक अहमद और माफिया अशरफ की हत्या हुई, जबकि चार शूटर मुठभेड़ में मारे गए और एक साजिशकर्ता नफीस बिरयानी की मुठभेड़ में घायल होने के कुछ दिनों बाद बीमारी से मौत हो गई। 10 साजिशकर्ता सलाखों के पीछे हैं, जबकि सात फरार समेत 11 आरोपियों के संबंध में विवेचना जारी है।
इस हत्याकांड को जिस तरह महीनों की साजिश के बाद अंजाम दिया गया, उसी तरह पुलिस ने इसकी विवेचना भी बेहद गहनता से की। वारदात के बाद 12 महीनों की विवेचना के दौरान अब तक कुल 78 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इनमें घटना के प्रत्यक्षदर्शियों, मृतकों के परिजनों, डॉक्टरों आदि के साथ पुलिसकर्मी और अफसर भी शामिल हैं। यही नहीं अब तक कि गई जांच में पुलिस की ओर से लगभग 2000 पन्नों की केस डायरी तैयार की गई है। इनमें गवाहों के बयानात के साथ ही तफ्तीश, मौका मुआयना, बरामदगी, गिरफ्तारी समेत अन्य कार्रवाइयों का ब्यौरा दर्ज किया गया है। बात मुकदमे में अब तक दाखिल अलग-अलग चार्जशीट की करें तो कुल मिलाकर लगभग 400 पेज की चार्जशीट तैयार की गई हैं।
इस मामले में अब तक पुलिस की ओर से कुल 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर पुलिस ने इन पर लगे आरोपों को सही माना और चार्जशीट दाखिल कर दी। इनमें से सबसे पहले 26 मई 2023 को सदाकत खान के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई। 17 जून 2023 को कुल आठ आरोपियों, जिनमें खान सौलत हनीफ व अतीक का बहनाई अखलाक अहमद भी शामिल हैं, के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई। इसके बाद अक्तूबर में विजय मिश्र पर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई।
सौ स्वराज सवेरा