– एचआईवी के साथ जी रहे लीगों में टीबी के कारण 3 गुना अधिक मृत्यु का ख़तरा

– एचआईवी सर्वाइवर में टीबी की पूर्व पहचान पर दिया जा रहा बल

पटना: ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार एचआईवी के साथ जी रहे लोगों में एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में टीबी का ख़तरा 18 गुना अधिक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार एचआईवी सर्वाइवर को टीबी से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। एचआईवी के साथ जी रहे लोगों में टीबी के कारण मौत का ख़तरा तीन गुना तक बढ़ जाता है। इस दिशा में राज्य सरकार सतर्क एवं सजग होकर कार्य कर रही है। एचआईवी सर्वाइवर में टीबी की सही समय पर जाँच एवं टीबी से पीड़ित होने पर समुचित ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है।

एचआईवी सर्वाइवर रहें सतर्क, टीबी का खतरा अधिक

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2019 में विश्व भर में 1 करोड़ टीबी रोगियों में 8.2 फ़ीसदी एचआईवी सर्वाइवर शामिल हैं। वहीं, यदि एचआईवी सर्वाइवर में सही समय से टीबी की पहचान एवं ससमय प्रबंधन किया जाए तो संपूर्ण उपचार संभव है। साथ ही टीबी से होने वाली मौत की संभावना को भी कम किया जा सकता है।

राज्य सरकार दे रही ध्यान:

टीबी पर बेहतर रोजथाम के लिए टीबी की पूर्व पहचान पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सक्रिय टीबी मरीज खोजी अभियान निश्चित अंतराल पर चलाया जा रहा है। टीबी की कम से कम समय में पहचान के लिए सीबी नेट एवं ट्रू नेट मशीन सरकार द्वारा राज्य से लेकर जिला स्तर पर स्थापित किये गए हैं। इससे कम समय में टीबी जाँच रिपोर्ट मिल रही है। इसके अलावा मल्टीप्ल ड्रग रिजिस्टेंस टीबी यानी एमडीआर टीबी के ईलाज के लिए जिला स्तर पर डी आर टीबी सेंटर एवं पटना में नोडल डी आर टीबी सेंटर बनाया गया है।