-100 गांवों में भ्रमण कर लोगों को एडस की दे जाएगी जानकारी
दरभंगा,23 मार्च। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहयोग से विभिन्न प्रखंडों में एडस की जागरूकता को लेकर रथ को रवाना किया गया। रथ को प्रभारी सिविल सर्जन डॉ दिलीप कुमार व सीडीओ डॉ सत्येन्द्र मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मौके पर डॉ कुमार ने कहा कि जिला में संचालित लिंक वर्कर स्कीम के तहत एचआईवी की रोकथाम के प्रसार को रोकने के लिये जागरूकता रथ आमजन को जानकारी देगा। इससे लोगों मे जागृति आयेगी। कहा कि यह रथ 16 प्रखंडों में 100 गांवों में भ्रमण करेगा। माइकिंग व स्लोगन की सहायता से आमजन को एडस के बारे मे बताया जायेगा। मौके पर डीपीएम विशाल कुमार, डीआरपी रंजीव कुमार सिंह, एमओआईसी एआरटी डॉ अनामिका सिंह, सतीश कुमार, अर्चना कुमारी, सत्यदेव कुमार, प्रवीन कुमार, राधा कुमारी, कौशल कुमार, उदय कुमार, अमित कुमार आदि मौजूद थे।

एचाइवी के लक्षण –
सीडीओ डॉ सत्येन्द्र मिश्र ने कहा कि एचआईवी के लक्षण कई बार वायरल बीमारियों जैसे ही होते हैं। इसलिये वायरल बीमारी को एचआईवी समझकर घबराएं नहीं, पर यदि कोई व्यक्ति मेडिकल प्रोफेशनल हैं, जो नियमित रूप से खून चढ़ाने या जमा करने का काम करते हैं, तो इन लक्षणों के महसूस होने पर एक बार एचआईवी का टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए इसके तहत मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में सूजन, गले में दर्द और सूखापन, सिर दर्द, तनाव, वजन घटना, त्वचा पर खुजली और निशान, स्किन पर रैशेज या निशान, नाखून के रंग में बदलाव आदि होने पर एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें। इसके लिये नजदीक के प्रखंड अस्पताल में जाकर सहायता ली जा सकती है।

संक्रमण से पूर्व रोकथाम जरूरी:
डॉ कुमार ने बताया कि एचआईवी और बाद में एड्स की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि संक्रमण से पूर्व ही रोकथाम की जाये। इसलिये संक्रमण के कारणों को जानना जरूरी है। बताया असुरक्षित यौन संबंध में यह यदि साथी इस रोग या वायरस से ग्रसित है, तो उसके साथ यौन संबंध बनानेवाले को भी यह रोग हो सकता है।
इसके अलावा एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने या एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से लिया हुआ खून चढ़ाने से भी यह रोग फैलता है। कई बार प्रोफेशनल डोनर (जो पैसों के लिए ब्लड बार-बार ब्लड डोनेट करते हैं) के रक्त में रक्त के सभी अवयव पूर्ण रूप से नहीं पाये जाते हैं। ऐसे लोग ज्यादातर ड्रग्स आदि के शिकार भी होते हैं। ऐसे व्यक्ति का खून अन्य व्यक्ति को चढ़ाने से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। कहा कि संक्रमित इंजेक्शन द्वारा अगर एक सुई का इस्तेमाल किसी एचआईवी पॉजिटिव इंसान के शरीर में किया जाये और फिर उस सुई का इस्तेमाल किसी स्वस्थ मनुष्य में किया जाये, तो वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। इसी तरह अगर संक्रमित द्वारा उपयोग किया गया ब्लेड, उस्तरा आदि का इस्तेमाल किसी स्वस्थ मनुष्य द्वारा किया जाये, तो भी वह व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है।