स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल, दरभंगा के प्रायोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम में डॉ रहमतुल्लाह, डॉ अशोक, डॉ सुधाकर, डॉ शाही, डॉ चौरसिया, डॉ कामेश्वर ने रखे विचार
हृदय रोग के बाद कैंसर मानव की मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण- मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार सिंह
पान-मसाला, गुटखा, खैनी आदि के अधिक सेवन के कारण दरभंगा मुंह के कैंसर का दुनिया में सबसे बड़ा घर- डॉ बीवी शाही
नियमित खेलकूद, व्यायाम, योग- प्राणायाम को अपनाने तथा अच्छी जीवन-शैली जीने से कम होगा कैंसर-रोग- समन्वयक डॉ चौरसिया
#MNN@24X7 दरभंगा, महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में “कैंसर जागरूकता शिविर सह सेवा ही धर्म” विषय पर प्रधानाचार्य डा मो रहमतुल्लाह की अध्यक्षता में विचारगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल के संस्थापक डॉ अशोक कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ बीबी शाही एवं डॉ सुधाकर सिंह, विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक प्रथम डॉ आर एन चौरसिया मुख्य वक्ता तथा विश्वविद्यालय के भूसंपदा पदाधिकारी डा कामेश्वर पासवान विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित थे। वहीं भौतिकी विभागाध्यक्ष सह बर्सर डॉ शम्से आलम के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ परवेज आलम ने किया। अतिथियों का स्वागत पाग- चादर, फूल- माला एवं अशोक के पौधों से किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।
अपने संबोधन में कैंसर अस्पताल के संस्थापक डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हृदय रोग के बाद कैंसर रोग मानव मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हृदय रोग की तुलना में कैंसर रोगी को अत्यधिक कष्ट झेलना पड़ता है। उन्होंने सेवा धर्म की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमें अहंकार भाव से नहीं, बल्कि निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए। कर्म करने में अहंकार होने से निश्चित पतन होता है। पीड़ित मानवता की सेवा ही मानव का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कर्म होना चाहिए।
अस्पताल के कार्यकारिणी- सदस्य एवं सर्जन डॉ बीबी शाही ने कहा कि पान- मसाला, गुटखा एवं खैनी आदि के अधिक सेवन के कारण दरभंगा मुंह के कैंसर का दुनिया में सबसे बड़ा घर है। कैंसर एक भयंकर बीमारी है, जिसका इलाज कठिन एवं खर्चीला भी है। फिर भी प्रारंभिक अवस्था में पता लगने से कैंसर का 100% इलाज संभव है। नारियों में स्तन कैंसर एवं बच्चेदानी का कैंसर सर्वाधिक होता है। वहीं अंकोलॉजिस्ट डॉ सुधाकर सिंह ने कहा कि एक सिगरेट पीने से मानव की औसतन 8 मिनट आयु कम हो जाती है। कैंसर के चारों स्टैंडों का इलाज कीमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी तथा सर्जरी से संभव है।
एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक एवं अस्पताल के कार्यकारिणी सदस्य डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि कैंसर के मुख्य कारणों में तंबाकूसेवन, धूम्रपान, शराब पीना तथा प्रदूषण आदि शामिल हैं। खासकर युवाओं में तंबाकू, गुटखा, शराब एवं सिगरेट आदि की बढ़ती लत चिन्तनीय एवं खतरनाक बन गई है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में नियमित खेलकूद, व्यायाम, योग- प्राणायाम को अपनाने तथा मिर्च- मसाला, जंक एवं फास्ट फूड को त्याग कर अच्छी जीवन- शैली जीने से कैंसर रोग को कम किया जा सकता है। वहीं विश्वविद्यालय के भूसंपदा पदाधिकारी डॉ कामेश्वर पासवान ने कहा कि कैंसर के नाम सुनते ही रूह कांप जाती है। सरकार तथा समाज को खैनी, गुटका, पान- मसाला तथा शराब आदि पर पूर्णतः रोग लगाकर कैंसर को कम किया जाना चाहिए। उन्होंने छात्र- छात्राओं से विशेषज्ञों द्वारा बतायी गयी बातों पर ध्यान देकर खुद को कैंसर से बचाते हुए समाज को भी बचाने का आह्वान किया।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डा मोहम्मद रहमतुल्लाह ने कैंसर से बचाव के विभिन्न तरीकों को अपने जीवन में अपनाने की छात्र- छात्राओं से अपील करते हुए किसी रोते को हंसाना, भूखे को खिलाना तथा प्यासे को पानी पिलाने के कार्य को अल्लाह या ईश्वर की सच्ची सेवा एवं भक्ति बताया। उन्होंने कहा कि अपने दिल में दर्द एवं करुणा का भाव लेकर समाजसेवा करना ही वास्तविक सेवाधर्म है। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा कॉलेज परिसर में अनेक फलदार पेड़ भी लगाए गए। विचारगोष्ठी में 200 से अधिक शिक्षक- शिक्षिकाएं, कर्मीगण, एनएसएस स्वयंसेवक एवं अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।