आज स्थानीय एम एल एस एम कॉलेज, दरभंगा में “मजहर इमाम व्याख्यानमाला ” का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान कौमी काउंसिल बराए फरोग उर्दू जुबान, भारत सरकार, नई दिल्ली के सौजन्य से एम एल एस एम कॉलेज में तीसरी बार आयोजित किया गया।
व्याख्यानकर्ता जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली के उर्दू विभाग के प्राध्यापक प्रोफेसर नदीम अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे मुल्क हिंदुस्तान की खासियत यह है कि यह बाहर के तहजीब और जुबानों को अपने अंदर समाहित करने का क्षमता रखता है। उर्दू गजल और हिंदुस्तानी तहजीब पर उन्होंने विस्तार से व्याख्यान दी और अमीर खुसरो को हिंदुस्तान के गंगा-जमुना तहजीब के नुमाइंदा कहा। उनकी बहुत सी गजलो को विस्तार से समझाया। इन्होंने अपने व्याख्यान में नजीर अहमद, ब्रजनारायण चिकबस्त, अल्लामा इकबाल, मीरतकी मीर जैसे शायरों का जिक्र करते हुए कहा कि ” हमारी गंगा जमुनी तहजीब गजल में और ग़ज़ल हमारी तहजीब में ढली है”और दोनों को रफ्तार एक दूसरे से हासिल हुई। मुख्य अतिथि के रूप में आए हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ मुस्ताक अहमद ने कहा कि हमें एक ऐसे मजहब और बहादुर कौम की जरूरत है जिसमें सब भाइयों की तरह रहते हैं और हिंदुस्तानी समाज में हर मजहब हमारे आदर का हकदार है। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सबसे बड़ा मजहब हिंदुस्तानीयत का मजहब है। हिंदुस्तान की गंगा जमुना तहजीब का प्रभाव उर्दू गजल पर साफ दिखाई पड़ता है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर मोहम्मद आफताब अशरफ ने कहा कि सदियों से सनातन धर्म और इस्लाम धर्म ने एक साथ मिलकर हिंदुस्तानी तहजीब को विकसित किया जो भारत को मजबूती प्रदान करने के लिए जरूरी है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोफेसर मंजू चतुर्वेदी ने कहा कि हिंदी और उर्दू दोनों सगी बहने हैं। बहुत सारे हिंदी कवि भी उर्दू में अपनी रचना की है। भाषा किसी मजहब की मोहताज नहीं है । हर मजहब के लोगों को हर भाषा का ज्ञान होना चाहिए । महाविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष श्रीमती जेबा प्रवीण ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रोफेसर नदीम अहमद का परिचय करवाया तथा मजहर इमाम के जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मजहर इमाम 30 साल तक ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में कार्यरत रहे और जब तक रहे उर्दू प्रोग्रामों को दिलचस्प बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इस अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेशन प्रेम मोहन मिश्र, एन एस एस के संयोजक डॉ कालिदास झा इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मोतीउर रहमान तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर ममता रानी ठाकुर ने की। इस अवसर पर महाविद्यालय के संगीत विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गान गाया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान गाकर हुआ।