ब्लड प्रेशर, डायबिटिज, हर्ट के मरीज निरंतर दवाओं का सेवन करते हुये बरतें सावधानी।

दरभंगा. 18 जनवरी. विगत कई दिनों से कंपकंपाती ठंड ने जीना मुश्किल कर दिया है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऐसे में अपने शरीर के प्रति अधिक सजगता जरूरी है. खासकर बिमार, बुजुर्ग व बच्चों का खास ध्यान रखने की आवश्यक्ता होती है. डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ केके सिंह के अनुसार ठंड में सांस और हृदय रोगियों की दिक्कतें बढ़ने लगती है. ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हाइपोथर्मिया और नसों व जोड़ों का दर्द भी बढ़ने लगता है. इसलिए डॉक्टर सबसे पहले ठंड से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने की आवश्यक्ता है. इसके अलावा सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है. इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की दिक्कत बढ़ जाती है. डॉ सिंह ने बताया कि ठंड बढ़ने से हाइपोथर्मिया होने का डर रहता है. इस बीमारी में ब्लड प्रेशर कम होने और शरीर के विभिन्न अंगों के ठीक से काम करने में परेशानी होने लगती है. वहीं खून की नसें सिकुड़ने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक का डर भी रहता है. वहीं आमतौर पर ठंड के मौसम में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बीमार पड़ जाते हैं. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चों पर इसका बदलते मौसम का असर ज्यादा होता है. इस समय बच्चों में निमोनिया के साथ ही डायरिया होने की संभावना ज्यादा रहती है. लिहाजा अधिक सर्तकता की जरूरत है.

कोरोना में और अधिक सर्तकता जरूरी
डॉ सिंह के अनुसार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर और अधिक सर्तकता जरूरी है. इसमें आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें. भीड़- भाड़ से बचें. खासकर बिमार लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. सदैव कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें. किसी प्रकार की समस्या होने पर निकट के अस्पताल में जाकर चिकित्सक से परामर्श लें. बिना डॉक्टर से पूछे किसी प्रकार का दवा का सेवन न करें. किसी प्रकार का लक्षण दिखने पर कोरोना जांच करावें. किसी प्रकार की लापरवाही घातक साबित हो सकती है.

ऐसे करें बचाव

डॉ सिंह के अनुसार ठंड से बचें. अत्यधिक ठंड में सुबह या शाम को टहलने न निकलें. बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो पूरे गर्म कपड़े पहनकर रखें. इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के हाईप्रोटीन डाइट युक्त मोटी दालें और विटामिन सी युक्त मौसमी फल खानपान में शामिल करें. गुनगुना पानी नियमित अंतराल पर पीते रहें. अगर बीपी,हार्ट, डायबिटिज आदि की दवा लेते हैं तो इसे नियमित रूप से लेते रहें और नियमित अंतराल पर डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें.