कर्पुरीग्राम से लेकर समस्तीपुर कर्पुरी प्रतिमा स्थल तक पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य।

भाकपा माले जिला स्थाई समिति की बैठक संपन्न, लिए गये कई राजनीतिक, सांगठनिक एवं आंदोलनात्मक निर्णय।

#MNN@24X7 समस्तीपुर, 29 दिसंबर, भाकपा माले जिला स्थाई समिति की बैठक शनिवार को शहर के मालगोदाम चौक स्थित जिला कार्यालय में जिला सचिव उमेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मंजू प्रकाश, जीबछ पासवान, अजय कुमार, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ललन कुमार, बंदना सिंह, दिनेश कुमार, फूल बाबू सिंह, अमित कुमार आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया।

बतौर पर्यवेक्षक भाकपा माले पोलिट ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जयंती पर 24 जनवरी को भाकपा माले संपूर्ण बिहार में लोकतंत्र बचाओ- संविधान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करेगी जो 30 जनवरी गांधी शहादत दिवस तक चलेगी। कर्पूरीग्राम से लेकर जिला मुख्यालय स्थित कर्पूरी प्रतिमा स्थल तक पदयात्रा का नेतृत्व भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव का० दीपंकर भट्टाचार्य करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि लेफ्ट-सोशलिस्ट यूनिटी आज के दौर में सामाजिक-राजनीतिक एवं वैचारिक तौर पर समाज, संविधान एवं लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है। मोदीजी की फासीवादी सरकार देश में कारपोरेट-कंपनी राज कायम करना चाहती है। देश के तमाम संस्थाओं को खत्म करना चाह रही है। नौजवानों के रोजगार, किसानों के एमएसपी से खिलवाड़ कर रही है। कर्पूरी ठाकुर बिहार के राजनीति में समाजवादी आंदोलन के प्रखर नेता रहे हैं। आजादी के आंदोलन में उनकी अग्रीम भूमिका थी। स्व० ठाकुर अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में दलितों-बंचितों एवं अक्लियतों के पक्ष में मजबूती से खड़ा रहते थे। विधानसभा के भीतर भी दिये गये उनके भाषणों- व्याख्यानों को सूनने पर भाकपा माले के बिहार के रूपांतरण को लेकर जो सोच है, उससे संगति बैठता है। आईपीएफ के दौर में सांझा आंदोलन भी हुए। आईपीएफ के दौरान बिहार बंद भी सांझा आंदोलन था जिसके नेता स्व० ठाकुर थे। कर्पूरी ठाकुर मानते थे कि भूमि सुधार के बिना बिहार का रूपांतर नहीं हो सकता, बिहारी समाज का बदलाव नहीं हो सकता। यह माले आंदोलन का भी मजबूत कड़ी है और ऐसी स्थिति में लेफ्ट-सोशलिस्ट यूनिटी को सामने लाकर बिहार में भाजपा के खिलाफ, बढ़ती सामंती ताकतों के बढ़ते बर्चस्व के खिलाफ और दकियानूस, पाखंडी विचारधारा को परास्त करने के लिए यह जरुरी है। सोशलिस्ट-कम्युनिस्ट आंदोलन को और मजबूती प्रदान कर जमीन पर भी हम भाजपा और सामंती ताकतों को उखाड़ेंगे और देश की राजनीति से 2024 में बेदखल करेंगे।

10 जनवरी तक 2023 का लेवी वसूली, लोकयुद्ध सदस्यता, पार्टी सदस्यता करने, 7 जनवरी को आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के समस्तीपुर समाहरणालय पर सत्याग्रह आंदोलन को बड़ी भागीदारी से सफल बनाने, 18 जनवरी को खेग्रामस की ओर से प्रखंडों पर धरना- प्रदर्शन करने, जननायक कर्पुरी ठाकुर के जयंती पर 24 जनवरी को मुख्यालय में सभा करने, 24-30 जनवरी तक रोजी- रोटी- आवास चाहिए पदयात्रा करने समेत अन्य राजनीतिक, सांगठनिक एवं आंदोलनात्मक निर्णय लिया गया।