#MNN@24X7 कल्याणपुर/समस्तीपुर
20 नवंबर,
कल्याणपुर के भगीरथपुर स्थित शहाबा एकेडमी इस्लामिक स्कूल पर अपराधी को पकड़ने के नाम पर पुलिस प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने की मामले की जांच को बुधवार को भाकपा माले विधायक दल के नेता का० महबूब आलम के साथ राज्य स्थाई समिति सदस्य बैधनाथ यादव, दीवाकर प्रसाद, जिला सचिव उमेश कुमार, जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जयंत कुमार, प्रखंड सचिव दिनेश कुमार, इंसाफ मंच के जिला संयोजक डा० खुर्शीद खैर, वरिष्ठ माले नेता सुखलाल यादव पहुंचे।

उन्होंने घटना स्थल पर पहुंचकर पुलिस द्वारा बुलडोजर से तोड़वाये गये मकान, बर्बाद बेंच, डेट, दीवार, स्कूल गेट आदि का निरिक्षण किया।

मौके पर जुटे स्थानीय लोगों से अलग- अलग पूछताछ की‌। स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व के हत्या के एक मामले मथुरापुर थाना कांड संख्या-18/2024 में अभियुक्त को पकड़ने को 10 नवंबर को सादे लिबास में पहुंची बगैर स्थानीय थाना को सूचना दिए हुए मथुरापुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार पहुंचे और अभियुक्त मो० रूखसार को घसीटते हुए ले जाने लगे। स्थानीय लोगों के सादे लिबास में पहुंची पुलिस को अपराधी समझकर विरोध जताया। इसमें कुछ देर तक झड़प हुआ। पुलिस अपना परिचय बताई तब तक रूखसार भाग चुका था। कुछ ही देर में कई थानों की पुलिस पहुंच गई और कई लोगों को हिरासत में लिया जिसे पूछताछ कर छोड़ दिया गया।

अगले दिन 13 नवंबर को सैकड़ों की संख्या में पुलिस पहुंचकर भगीरथपुर स्थित शहाबा एकेडमी इस्लामिक स्कूल जिसकी संचालित रूखसार की मां शगुफ्ता जबीं हैं को बुलडोजर से मेन गेट, खिड़की , चौखट, नोंचकर तहस-नहस कर दिया, कार्यालय का आलमारी और अन्य सामान उठा लिया। स्कूल में सैकड़ों बच्चे उस समय अध्ययनरत थे जिन्हें बाहर निकालकर बेंच-डेस्क उठाकर ले जाने लगे लेकिन तब तक रूखसार अदालत में आत्मसमर्पण कर चुका था, इसकी जानकारी मिलते ही कुर्क किया गया सामान मो० गुलाम, मो० रिजवान, मो० नसीम के जिम्मेनामा पर वापस लौटा दिया गया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कोर्ट से कुर्की वारंट 12 नवंबर को निर्गत हुआ और बगैर कोई औपचारिकता पूरा किये पुलिस आनन-फानन में यूपी माडल को अपनाते हुए स्कूल को तहस-नहस कर दिया गया। वहीं रूखसार के साथ-साथ वांछित दूसरे समुदाय के अभियुक्त पर ऐसा कोई कारवाई नहीं होना परिलक्षित करता है कि पुलिस द्वारा अल्पसंख्यक होने के कारण रूखसार के माता-पिता शगुफ्ता जबीं और हैदर अली के आवासीय परिसर नहीं होने के बाबजूद भी इस्लामिक स्कूल पर बुलडोजर चलाया गया जो निश्चित रूप से कानून का उलंघन है, प्रताड़ना एवं स्थानीय भाजपा नेताओं की साज़िश है।

रूखसार के अलावे उनके अन्य पुत्र एवं पुत्री उच्च शिक्षा ग्रहण कर इसी विद्यालय में शिक्षण एवं प्रबंधन कार्य में सहयोग करते हैं। 8वीं कक्षा तक चल रहे इस विद्यालय के सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में है।