#MNN@24X7 दरभंगा, क़ृषि विज्ञानं केंद्र जाले के मात्स्यकी वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार शर्मा द्वारा जाले हीरा नगर मोहल्ला में दामोदर पोखर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसका विषय मत्स्य बीज संचय पूर्व एवं पश्चात तालाब का प्रबंधन था।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मत्स्य बीज संचय से पूर्व पानी कि गुणवत्ता कि जाँच आवश्यक है जिसमे पी एच मान, टी डी एस, अक्सीजन स्तर, पारगमयता आदि कारको का परिक्षण करना चाहिए एवं उपयुक्त उपचार भी जरुरी है। साथ ही मछली कि प्रजती का चयन एवं उसके फिंगर्लिंग आकर के बीज का संचय जरुरी है जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी साथ ही उत्पादन में वृद्धि भी होंगी।
डॉ शर्मा ने बताया कि इस परिवेश मे रोहू कटला मृगांल, कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प प्रजती कि मछलियो को कम्पोजिट फिश कल्चर में आसानी से पाला जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ शर्मा ने मत्स्य किसानों कि समस्याओ के निराकरन हेतु सुझाव दिए एवं प्रशिक्षणर्थियों से मछली पालन को वैज्ञानिक पद्धति से आगे बढ़ाने पर पर ध्यान देने हेतु संवाद किया एवं साथ ही केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से लाभ लेकर मछली व्यवसाय को आगे बढ़ाने कि सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान अमन, मिथिलेश, रंजय मण्डल, सोनू श्रीवास्तव, अवधेश मण्डल, कमल यादव सहित कुल 26 प्रशिक्षणर्थियों ने भाग लिया।