#MNN24X7 दरभंगा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं शिक्षाशास्त्र इकाई राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में “शारीरिक स्वास्थ्य मूल्यांकन कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षा शास्त्र विभाग में संपन्न हुआ, केएसडीएसयू के माननीय कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय के निर्देश एवं डॉ. घनश्याम मिश्र निदेशक की अध्यक्षता में की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की रूपरेखा
कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण से हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र नटवर वैदिक मंत्रोच्चारण किया ।
इसके बाद कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए दरभंगा जिला के नोडल पदाधिकारी द्वय डॉ. साधना शर्मा एवं डॉ. त्रिलोक झा ने शारीरिक स्वास्थ्य मूल्यांकन की आवश्यकता और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। दोनों ने बाल उमंग दृश्य संस्थान से प्राप्त विशेष प्रशिक्षण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार शारीरिक स्वास्थ्य की नियमित जांच युवाओं के समग्र विकास में सहायक होती है।
अतिथियों के विचार
अध्यक्ष डॉ. घनश्याम मिश्रा ने कहा, “शारीरिक स्वास्थ्य के बिना मानसिक और बौद्धिक विकास अधूरा है। ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में अनुशासन और आत्मनिर्भरता का विकास करते हैं।”
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा ने कहा, “NSS केवल सामाजिक सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं के समग्र विकास का माध्यम भी है। स्वस्थ युवा ही सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकते हैं।”
डॉ. निशा ने कहा, “शारीरिक फिटनेस केवल परीक्षा का विषय नहीं, बल्कि यह जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। विद्यार्थी नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अपनाकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।”
डॉ. रामसेवक झा ने कहा, “आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में युवा शारीरिक श्रम से दूर होते जा रहे हैं। इस तरह के मूल्यांकन कार्यक्रम उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का उत्तम माध्यम हैं।”
कार्यक्रम संयोजन के दौरान डॉ. साधना शर्मा ने कहा, “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। NSS के माध्यम से विद्यार्थियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का यह प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
शारीरिक स्वास्थ्य मूल्यांकन प्रक्रिया
इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए विभिन्न प्रकार की जांच की गई, जिनमें—
ऑक्सीमीटर द्वारा ऑक्सीजन स्तर का परीक्षण
बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की गणना
लंबाई एवं वजन का मापन
डायनमोमीटर के माध्यम से ग्रिप स्ट्रेंथ की जांच
छात्रों के मूल्यांकन में सहयोग डॉ. पवन साहनी ने किया ।
कार्यक्रम की सफलता एवं समापन
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से अपने शारीरिक स्वास्थ्य का आंकलन किया। सभी विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों ने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण युक्तियाँ एवं सुझाव भी दिए।
कार्यक्रम के समापन पर विश्वविद्यालय प्रशासन एवं NSS इकाई ने सभी प्रतिभागियों, प्रशिक्षकों एवं अतिथियों को धन्यवाद दिया। इस सफल आयोजन ने विद्यार्थियों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक संदेश दिया।इस अवसर पर शिक्षाशास्त्र एवं स्नातकोत्तर विभाग के दर्जनों स्वयंसेवक सहित शिक्षाशास्त्र के प्राध्यापक गोपाल जी, अवन राय,कुन्दन कुमार की भुमिका सराहनीय रहा।