प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा कोतवाली क्षेत्र के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम नजदीक आते ही तनाव बढ़ जाता है।शेखपुर आशिक गांव का इतिहास रहा है कि यहां मुहर्रम से 10 दिन पहले ही पुलिस बलों की तैनाती की जाती है।पुलिस के सख्त पहरे में मुहर्रम संपन्न कराया जाता है।इस बार भी माहौल ऐसा ही है।शेखपुर आशिक गांव बीते आठ सालों से मुहर्रम के दिन बजरंग बली के मंदिर पर हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे को लेकर चर्चा में रहता है।इस बार सोमवार को राजा उदय प्रताप ने अपने ट्विटर एकाउंट से शेखपुर आशिक गांव में लगा मस्जिदनुमा गेट हटवाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की।कोई कार्रवाई न होने पर बुधवार को राजा उदय प्रताप सिंह कुंडा तहसील में धरने पर बैठ गए।आईजी, डीएम, एसपी ने राजा उदय प्रताप सिंह को मनाने की कोशिश की,लेकिन नाकाम रहे।

कुंडा विधायक व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया के पिता राजा भदरी उदय प्रताप सिंह मस्जिदनुमा गेट हटाने के लिए कुंडा तहसील परिसर में धरना दे रहे थे।पुलिस प्रशासन ने इस बार भी मुहर्रम से ठीक पहले उदय प्रताप सिंह को गुरुवार को भदरी महल में हाउस अरेस्ट कर लिया। गुरुवार सुबह उदय प्रताप सिंह धरनास्थल से भदरी महल नित्य क्रिया और पूजा-पाठ के लिए पहुंचे।पुलिस पहले से कुछ दूरी पर घेराबंदी कर रखी थी और भदरी महल के पास एक मुखबिर भी छोड़ा था। जब उदय प्रताप सिंह महल में दाखिल हुए तो पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी कर ली।उदय प्रताप सिंह के खिलाफ एसडीएम के आदेश पर गुरुवार सुबह पुलिस ने कार्रवाई की। सात अगस्त तक उदय प्रताप सिंह भदरी महल में नजरबंद रहेंगे।

उदय प्रताप सिंह के समर्थन में आए विहिप के नेताओं और हिन्दू वादी संगठन से जुड़े लोगों को हौदेवरनाथ धाम में रोका गया है।भदरी महल के बाहर पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई हैं।भदरी जाने वाले रास्तों पर बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। एसडीएम कुंडा ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए इस आदेश पर विचार किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि उदय प्रताप सिंह को सात अगस्त शाम तक हाउस अरेस्ट रखने का आदेश है।प्रशासन ने एक प्लाटून पीएसी के साथ कुंडा, मानिकपुर, हथिगवां, नवाबगंज, महेशगंज,सांगीपुर इंस्पेक्टर को फोर्स के साथ वहां तैनात किया है।

आपको बता दें कि 2012 कुंडा क्षेत्र के शेखपुर आशिक गांव में सड़क किनारे एक बंदर की मृत्यु हो गई थी।बंदर की मृत्यु के बाद उस जगह पर गांव वालों ने हनुमान मंदिर बनवाया।मंदिर बनने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ और भंडारा होने लगा। हनुमान चालीसा का पाठ और भंडारा राजा उदय प्रताप सिंह ही करवाते थे।भंडारा मुहर्रम के दिन ही होता था। 2013 व 2014 में भंडारा और मुहर्रम का जुलूस साथ निकला। 2015 में मुहर्रम पर मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे का विरोध किया और ताजिया नहीं उठाई। मुस्लिम समुदाय ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।इसके बाद ये मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया।मुहर्रम के दसवीं के अगले दिन तत्कालीन डीएम और एसपी ने मामले को शांत कराया और ताजिया को दफन कराया।

2016 में शेखपुर आशिक गांव में तनाव की हालत बन गई।कारण जिला प्रशासन ने उदय प्रताप सिंह को भंडारा करने की इजाजत नहीं दी।भंडारे को लेकर ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया,लेकिन कोर्ट ने डीएम को अपने विवेक से निर्णय के लिए निर्देशित किया।इसके बाद से उदय प्रताप सिंह को हर बार मुहर्रम में भदरी महल में नजरबंद कर दिया या जाता है।इस तरह 2016 से लेकर 2022 तक उदय प्रताप सिंह को पांच बार हाउस अरेस्ट किया गया है।

हर बार पुलिस की मौजदगी में ही मुहर्रम का जुलूस संपन्न कराया जाता है।इस दिन प्रशासन भंडारे की इजाजत नहीं देता हैं।सात साल से प्रशासन इस तरह से कार्रवाई करता तो है, लेकिन अब तक इस मामले का निपटारा नहीं करा पाया है।

(सौ स्वराज सवेरा)