स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभाग में विज्ञान संकाय एवं IQAC ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के तत्वाधान से आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कियाl इसकी अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा की विज्ञान सत्य देता है और प्रमाणिकता देता है इसलिए इसकी हम पूजा करते हैं। प्रारम्भ में कोडिनेटर डॉ.सीमांत कुमार श्रीवास्तव ने रमण प्रभाव के बारे मे बताया। विभगाध्यक्ष प्रोफेसर कुमोद कुमार झा ने आगत अतिथियों का स्वागत पाग -चादर और पुष्प गुच्छ के साथ किया एवं विज्ञान दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी और उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।

डीन फेकल्टी औफ साइंस प्रो.विमलेंदु शेखर झा ने विज्ञान के विभिन्न आयामों की चर्चा किये।उन्होंने कहा कि हमारे वायुमंडल से कैसे जहरीली गैस को निकाले, इस पर विचार हो।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिकुलपति प्रो.डॉली सिन्हा ने कहा कि राष्ट्र- निर्माण और समाज के विकाश में विज्ञान और वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही धर्म और विज्ञान में घनिष्ट संबंध रहा है। पहले वैज्ञानिक को आचार्य से संबोधित किया जाता था। आजादी से पहले और अभी तक के वैज्ञानिकों के उपलब्धि की चर्चा किये।
कुलसचिव प्रो.मुशताक अहमद ने कहा कि आज से लगभग दो साल पहले ग़ालिब ने कहा था कि इस दुनियाँ के कण-कण के वजूद में साइंस है।साइंस यदि मानव कल्याण के लिए काम करता है तो विज्ञान है,अन्यथा साइंस नहीं है।
प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने विज्ञान और सहित्य के बीच संबंधों को बहुत ही सरल भाषा में विश्लेषण किया।
विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. अब्दुस समद अंसार ने कहा की माइक्रो न्यूट्रिएंट के द्वारा हम असाध्य बीमारी को दूर कर सकते हैं।
प्रो. विश्व दीपक त्रिपाठी ने कहा कि किस प्रकार दवाई अपनी यात्रा प्रयोगशाला से चलकर हमारे पास पूरी करती है।
प्रो. सोनू राम शंकर ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में अन्य विज्ञान विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक के साथ
इस विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो.संजय कुमार चौधरी,डॉ.सीमांत श्रीवास्तव डॉ.अभषेक रॉय, विकाश कुमार सोनू,श्री शशि शेखर झा और काफी संख्या में रिसर्च स्कॉलर,छात्र-छात्राएंएवं विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे ।धन्यवाद ज्ञापन आई. क्यू. ऐ. सी. के डाइरेक्टर प्रो.ज़िया हैदर ने किया।