विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।

कुलाधिपति कार्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार सत्र 2023- 27 से ही नए पाठ्यक्रम होंगे प्रभावी।

#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार राज्य के कुलाधिपति द्वारा सीबीसीएस कोर्स के तहत 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के जारी रेगुलेशन से स्नातक (कला, वाणिज्य एवं विज्ञान) में नामांकन के उद्देश्य से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें निर्देशानुसार सीबीसीएस कोर्स के अनुसार 4 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए पोर्टल के निर्माण एवं नामांकन की तिथि पर गहन विचार- विमर्श हुआ।

ज्ञातव्य हो कि इस राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम निर्माण के लिए बिहार के कुलाधिपति के द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था और पटना विश्वविद्यालय सहित चार अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए थे।

कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सीबीसीएस कोर्स के तहत 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू करने से बिहार में एक ऐतिहासिक परिवर्तन हो रहा है, जिसके लिए कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने मिथिला विश्वविद्यालय की ओर से कुलाधिपति के प्रति आभार व्यक्त किया।

उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लागू होने से मिथिला विश्वविद्यालय सहित बिहार राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को उच्च शिक्षा में देश के विश्वविद्यालयों में समान अवसर प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही अब बिहार के छात्र देश के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों से पीछे नहीं रहेंगे। कुलपति ने संबंधित विभाग को शीघ्र पोर्टल निर्माण का निर्देश दिया।

कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद ने बताया कि कुलाधिपति कार्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए नया पाठ्यक्रम सत्र 2023- 27 से ही प्रभावी किया जा रहा है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही नामांकन संबंधित पोर्टल का निर्माण कर अगले सप्ताह में नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। बैठक में कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद, डा अवनि रंजन सिंह, छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो विजय कुमार यादव, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) प्रो अशोक कुमार मेहता, परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्र तथा डा आर एन चौरसिया आदि उपस्थित थे।