दरभंगा। राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान ,मोहनपुर में विश्व कुष्ठ दिवस के अवसर पर 26 जनवरी से कुष्ठ रोग के प्रति लोगों को जागरूकता हेतु शिविर का आयोजन किया गया। आज दिनांक 29 जनवरी 2022 को महाविद्यालय के मुख्य कैंपस मोहनपुर में कुष्ठ रोग की जांच चिकित्सा एवं जागरूकता शिविर में प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद ने आमजनों को कुष्ठ रोग के प्रति जानकारी देते हुए यह बताया कि, कुष्ठ एक पुराना संक्रामक रोग है, जो एक बेसिलस, माइकोबैक्टीरियम लेप्राई के कारण होता है।
इस रोग के लक्षण आमतौर पर औसतन 5 साल में संक्रमण होने की लंबी अवधि के बाद होते हैं, क्योंकि एम लेप्राई बहुत धीरे धीरे बढ़ता है। रोग मुख्य रूप से त्वचा ,परिधि नसों, ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करता है। कुष्ठ रोग इलाज योग है और जल्द ही पता लगने से विकलांगता एवं बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार का सेवन करने से कुष्ठ रोग की उत्पत्ति होती है। जो मनुष्य शीत भोज्य पदार्थ सेवन के तुरंत बाद ही गर्म पदार्थ का सेवन करता है अर्थात् भोज्य पदार्थों का बिना क्रम एवं नियम के सेवन करता है। मधु ,राब, मछली बड़हल, मूली और मकोई को अधिक मात्रा में लगातार सेवन करता है ।दूध के साथ रोहू मछली का सेवन करता है। दही, मट्ठा, कुलथी, उड़द और तीसी को अधिक मात्रा में खाकर आग, तीव्र धूप सेवन एवं मैथुन का सेवन करता है। वह परिश्रम एवं धूप से संतप्त होकर सहसा शीतल जल से स्नान करता है। वमन के वेग को रोकता है और तेल, घी का अधिक प्रयोग करता है। उपरोक्त कारणों को सेवन करने से हमारे शरीर में तीनों दोष कुपित होकर कुष्ठ रोग उत्पन्न करते हैं। डॉ विनय कुमार शर्मा ,डॉक्टर भानु प्रताप सिंह एवं डॉक्टर दिनेश कुमार के द्वारा कुष्ठ रोगियों का परीक्षण एवं चिकित्सा परामर्श दिया गया। डॉक्टर दिनेश कुमार ने यह बताया कि मिथिलांचल में दही और मछली का सेवन मुख्य रूप से किया जाता है। इन दोनों का सेवन विधि पूर्वक नहीं करने से कुष्ठ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में सोरायसिस , सिहुली आदि चर्म रोग तेजी से बढ़ रहा है। इसका पूर्णता इलाज आयुर्वेद में संभव है। डॉ भानु प्रताप सिंह ने बताया की इस जागरूकता शिविर के माध्यम से लोगों को कुष्ठ रोग से बचाव के प्रति जागरूक किया गया ।दूध और मूली का एक साथ सेवन नहीं करने की सलाह दी गई। प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद ने यह बताया कि शिविर में चिन्हित सोरायसिस आदि जटिल रोगियों इलाज पंचकर्म के माध्यम से किया जाएगा। इस शिविर में 80 रोगियों ने अपनी जांच करवाई। मोहनपुर ग्राम पंचायत के मुखिया श्री राजकुमार दास एवं उपप्रधान श्री रंजीत यादव ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपना योगदान दिया एवं प्राचार्य के इस कार्य से हेतु उनकी भूरी -भूरी प्रशंसा की। उन्होंने यह बताया कि इस शिविर से ग्रामीण जनों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है।लोग शिविर में दही, दूध एवं मछली सेवन के आयुर्वेदिय विधि को अपनाने लगे हैं।
29 Jan 2022