#MNN@24X7 दरभंगा, 18 जुलाई, श्रम अधीक्षक राकेश रंजन द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु दरभंगा सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केवटी प्रमोद कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में केवटी प्रखंड के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया।
 
जाँच के क्रम में केवटी प्रखंड कार्यालय के नज़दीक मेसर्स प्रह्लाद किराना स्टोर से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।
  
विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
   
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
  
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।
 
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में  नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी, जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।
   
धावा दल टीम के सदस्य के रूप में  प्रमोद कुमार त्रिपाठी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केवटी, किशोर कुमार झा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बेनीपुर, मनीष कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जाले कार्यालय कर्मी आदित्य गौरव  आश्रय ट्रस्ट स्वयंसेवी संस्था के सदस्य निवेश कुमार, प्रयास संस्था से नारद मंडल एवं संदीप कुमार झा, काष्ठ संस्था से नारायण कुमार मजमुदार, एवं अजय कुमार प्रोग्राम कॉर्डिनेटर और पुलिस केंद्र दरभंगा से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के 2 पुलिसकर्मी  शामिल थे।
     
धावा दल की टीम के द्वारा  लोहिया चौक से से होते हुए केवटी बाजार  स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया।
  
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ-साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी  धावा दल संचालित  किया  जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।