-एन 95 मास्क को भी समय पर बदलना आवश्यक
-मास्क का समुचित तरीके से लोग नहीं कर रहे इस्तेमाल- डॉ आर एन शर्मा
दरभंगा,7 फरवरी। कोरोना संक्रमण के बीच लोग जैसे तैसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं लेकिन सही तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं होने पर वायरस से बचाव नहीं हो पाता है । डीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के नोडल अफसर डॉ आर एन शर्मा ने बताया कि संक्रमण से रक्षा के लिए मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क के इस्तेमाल को सबसे उपयोगी माना गया है। किसी मास्क को कितनी बार पहना जा सकता है? इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि वह मास्क किस तरह से कहां-कहां उपयोग किया गया है। एक्सपर्ट के अनुसार एन95एस और केएन95एस का उपयोग कई बार किया जा सकता है। लेकिन किन हालात में यह जान लेना इसलिए जरूरी है कि कुछ हालातों में इस मास्क को कुछ घंटों के इस्तेमाल के बाद ही हटा देना जरूरी होता है। जबकि कुछ अन्य हालातों में इसे कई दिनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्वास्थ्य कर्मी पांच बार तक एन 95 मास्क पहन सकते हैं-
डीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के नोडल ऑफिसर डॉ आर एन शर्मा ने कहा यू.एस. सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का कहना है कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी पांच बार तक एन 95 मास्क पहन सकते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि औसत व्यक्ति कितनी बार सुरक्षित रूप से पहन सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस मास्क का उपयोग कैसे किया जाता है। उदाहरण के लिए, किराने की दुकान तक जाने के लिए एक ही मास्क का उपयोग करना, पूरे दिन काम पर पहनने से बहुत अलग है।
सामान्यतः दो से तीन दिनों में बदल देना चाहिए एन95 मास्क-
डॉ शर्मा के अनुसार कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मास्क और एरोसोल का अध्ययन करने वाले रिचर्ड फ्लैगन कहते हैं, “मास्क कितनी बार पहना जाता है, यह उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है।” सामान्य तौर पर, वे एन95 मास्क के उपयोग को लगभग दो या तीन दिनों तक सीमित रखने की सलाह देते हैं।
हर सांस के साथ मास्क में फंसते हैं धूलकण-
डॉ शर्मा कहते हैं, एन 95 मास्क लगाने के बाद हर सांस के साथ आपके मास्क पर महीन धूलकण जमा होते जाते हैं। इससे धीरे-धीरे इस मास्क के लगाने पर सांस लेने में और मुश्किल होने लगती है । यदि मास्क में बहुत सारे कण फंस गए हों।
एन 95 मास्क पर लगा इलास्टिक बैंड भी हो सकता है खराब-
डॉ शर्मा कहते हैं मास्क पर लगा इलास्टिक बैंड भी खराब हो सकता और आपके चेहरे के चारों ओर ठीक से फिट नहीं हो सकता है। यह गंदा या गीला भी हो सकता है, खासकर यदि आप व्यायाम करते समय इसका उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में इसे लगाने का कोई फायदा नहीं। यानी ऐसे मास्क को लगा कर आप कोरोना वायरस से अपना बचाव नहीं कर सकते हैं।
ऐसे बदलावों को देखते ही बदलें अपना एन 95 मास्क-
डॉ शर्मा ने बताया एन 95 मास्क लगाए हैं और यदि अपने मास्क में इनमें से कोई भी परिवर्तन देखते हैं, तो इसका उपयोग बंद करने का समय तुंरत आ गया है – भले ही इसे केवल कुछ घंटों तक ही उपयोग किया हो।
इसमें यदि आपका मास्क गीला हो गया हो।
मास्क पसीने से भीग गया हो
मास्क पर धूलकण जम गए हों
या फिर मास्क आपके चेहरे पर ठीक से फिट नहीं बैठ रहा हो
और यदि आपके मास्क का इलास्टिक खराब हो गया हो.
चूंकि एन 95 मास्क को धोया नहीं जा सकता है, इसलिए जब आप उनका उपयोग नहीं कर सकते तो उन्हें फेंक देना चाहिए।
कोरोना से बचाव ज़रूरी-
डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क जरूरी है। इसके अलावा भीड़ भाड से बचाव आवश्यक है। वहीं कोरोना से रक्षा के लिए हाथ एवं शरीर को स्वच्छ रखना आवश्यक है। इन उपायों के द्वारा हम कोरोना से बचाव कर सकते। डॉ शर्मा ने कहा किसी प्रकार का संदेह होने पर लोगों को निकट के सरकारी अस्पताल मैं जाकर जांच करानी चाहिए। वहां निःशुल्क रूप से कोरोना वायरस जांच की सुविधा उपलब्ध है। वहीं जांच उपरांत रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर चिकित्सक से उपचार की सुविधा का लाभ उठायें।