मिथिला के इतिहास में हैंडबॉल का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन।
चार दिवसीय पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय हैंडबॉल प्रतियोगिता शुरू।
#MNN@24X7 दरभंगा,
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजय कुमार चौधरी ने कहा है कि खेल निदेशालय की स्थापना से ना केवल खेल वातावरण बनेगा बल्कि रोजगार के लिए मच रही आपाधापी के काल में आर्थिक आत्मनिर्भरता के द्वार भी खुलेंगे।

शनिवार को डॉ० नागेंद्र झा स्टेडियम में विश्वविद्यालय के खेल एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय हैंडबॉल पुरुष प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कुलपति ने कहा कि हैंडबॉल की गिनती आज के सबसे तेज खेल के रूप में की जाती है। विकसित देशों में यह खेल अपनी गति को लेकर अत्यधिक लोकप्रिय खेलों की श्रेणी में है।

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ , नई दिल्ली ने हमारे विश्वविद्यालय को आयोजन के लिए सक्षम समझा, यह गर्व की बात है। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग ले रहे देश के ग्यारह राज्यों के ढाई दर्जन विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को शुभकामना देते हुए कहा कि खेल भावना की जीत ही वास्तविक जीत होती है। यही भावना आगे चलकर हमारे सफल जीवन का मूलमंत्र बन जाती है।

कुलपति ने मैच के रेफरियों को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि मैच में सही निर्णय की अपेक्षा सब को रहती है, किसी को यह नहीं लगे कि उन्हें न्याय नहीं मिला। कुलसचिव डॉ० अजय कुमार पंडित ने विश्वास दिलाया कि आयोजन में किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी।

इस अवसर पर वित्तीय सलाहकार डॉ० दिलीप कुमार,संकायाध्यक्ष प्रो० प्रेम मोहन मिश्र,प्रो० ए ०के० बच्चन,प्रो०पुष्पम नारायण, मीडिया समन्वयक प्रो० हरे कृष्ण सिंह,अभिषद के सभी उपस्थित सदस्य को सम्मानित भी किया गया। मंच संचालन खेल पदाधिकारी प्रो० अजयनाथ झा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री अमृत कुमार झा ने किया।

प्रतियोगिता का आरंभ में कुलपति और वित्तीय सलाहकार तथा अन्य पदाधिकारियों ने हैंडबॉल खेलकर किया। प्रतियोगिता के लिए स्टेडियम में तीन सुन्दर कोर्ट बनाए गए हैं, जिनमें सुबह और शाम से रात तक फ्लड लाइट में मैच का आयोजन किया जाएगा। सत्र का प्रथम मैच कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल एवं शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर के बीच खेला गया जिसमें शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय ने 22/17 से कल्याणी विश्वविद्यालय को पराजित किया। दूसरा मैच दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मैच में अनुपस्थिति के कारण हेम चंद्र विश्वविद्यालय, दुर्ग को वॉकओवर दे दिया गया।