आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हो रही सद्भावना कांवर यात्रा में शामिल सात मैथिलों को दरभंगा स्टेशन पर दी जाएगी सम्मान पूर्वक विदाई

#MNN24X7 दरभंगा, सद्भावना यात्रा समिति, शुभंकरपुर, दरभंगा का सात सदस्यीय पैदल कांवर यात्रियों का एक दल वृहस्पतिवार 1 जून 2023 ई को दरभंगा स्टेशन से शहीद एक्सप्रेस द्वारा हिमालय स्थित गंगोत्री के लिए प्रस्थान करेगा। गंगोत्री पहुँचने के बाद कांवर यात्री वहाँ से काँवर में गंगाजल लेकर विश्व में शान्ति एवं सद्भाव बनाए रखने के उद्देश्य से पैदल यात्रा करते हुए हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी तट पर अवस्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक रामेश्वरम शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हो रही सद्भावना कांवर यात्रा में शामिल सभी सात मैथिलों को विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में दरभंगा स्टेशन पर वृहस्पतिवार की सुबह मिथिला की गौरवशाली परंपरा अनुरूप सम्मान पूर्वक विदाई दी जाएगी।

जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि संपूर्ण विश्व में शांति एवं सद्भावना की स्थापना के उद्देश्य से शुरू हो रही यह अभूतपूर्व पैदल कांवर यात्रा माँ जानकी की मातृभूमि मिथिला सहित संपूर्ण बिहार वासियों के लिए एक गौरव यात्रा है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों की शुभकामनाएं यात्रीदल के साथ चलती रहेगी और यह यात्रा अपने उद्देश्य में ऐतिहासिक सफलता हासिल करेगी।

सद्भावना यात्रा समिति के संयोजक एवं भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आइकॉन सह मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा की अगुवाई में शुरू होने वाली इस सद्भावना पैदल कांवर यात्रा में शुभंकरपुर, दरभंगा के डा बासुकि नाथ झा, हरिना, झंझारपुर, मधुबनी के चिरंजीव मिश्र, भीषम टोल, कछुआ, दरभंगा के श्याम राय, रतवारा, मुजफ्फरपुर के आशुतोष कुमार एवं रंजीत कुमार झा सहित हरिनगर, सीतामढ़ी के सुदिष्ट ठाकुर शामिल होंगे। उत्तराखंड के गंगोत्री से यात्रा आरंभ कर पदयात्री उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना,आँध्र प्रदेश, तमिलनाडु के रामेश्वरम तक जाएँगे। यात्रा के क्रम में कांवर यात्री मिथिला की कला संस्कृति, सभ्यता और भाषा आदि को उन लोगों के बीच प्रचारित व प्रसारित करने के साथ ही वहाँ की कला-संस्कृति आदि से परिचित होंगे।

सद्भावना यात्रा समिति के संयोजक मणिकांत झा ने बताया कि विश्व में शान्ति और सद्भावना का संदेश देने के उद्देश्य से हिमालय से हिन्द महासागर तक की कांवर यात्रा की जा रही है। उन्होंने बताया कि गंगोत्री के गंगाजल से महादेव रामेश्वरम के जलाभिषेक का विशेष महत्व है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए समिति के सदस्यों ने गंगोत्री से रामेश्वरम तक की काँवर यात्रा करने का संकल्प लिया है। मणिकांत झा ने बताया कि यात्री दल को लगभग 3300 किलोमीटर के इस पदयात्रा में ठहरने, सुरक्षा तथा चिकित्सा सेवाओं के लिए स्थानीय शासन-प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी। इस संबंध मे दरभंगा के जिला पदाधिकारी राजीव रौशन से सहयोग का अनुरोध किया गया था, जिसके आलोक में उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए मार्ग में पड़ने वाले सभी जिला के डीएम के नाम सहयोग हेतु एक सामान्य पत्र जारी किया है। इसके लिए उन्होंने सद्भावना यात्रा समिति की ओर से जिलाधिकारी के प्रति एकबार पुनः कृतज्ञता ज्ञापित की।

गंगोत्री से रामेश्वरम पदयात्रा संभावित मार्ग
——————————————–
गंगोत्री- धरली- हरसिल- गंगनानी – भटवाड़ी- मानेरी – उत्तरकाशी -चिन्यालीसौड़ – नई टिहरी – जरधारा टर्निंग- खादी- देहरादून बाईपास- ऋषिकेष- हरिद्वार- चिड़ियापुर- भागूवाला- नजीमाबाद – नगीना- धामपुर – स्योहारा – सहसपुर – कांठ- मुरादाबाद- कुंदारकी – बिलाड़ी – बिसौली – वजीरगंज- बदायूं – ककराला – उसहैत – कांपील- कायमगंज – मोहम्मदाबाद – उत्तार निस्फ्थिया – छिबरामऊ – खादिनी बेला- याकूबपुर – रसूलाबाद- बनीपारा – महाराज- रूरा- अकबरपुर – माटी किशनपुर- हमीरपुर – भरवा- सुमेरपुर- भरौली- बांदा – तिनद्वारा – भीखन – बंसी – नारायणी – कलिंजर नागोद- ऊचाहेरा- मैहर – सगमन्हिया- धनवाही – रमना नंबर 1 – मानपुर- बिजौरी- मझौली- बेलाहा – जमुई – बुरहर- राजेंद्र ग्राम- अमरकंटक- मुंगेली- राजनंदगांव- नारायणपुर- गीदम- दंतेवाड़ा- किरंदुल -भद्राचलम – विजयवाड़ा- गुंटुर- ओंगोल – सिंगारियाकुंडा – कावली – नेल्लूर- गुडुर- कालहस्ती- कांचीपुरम- तिंदीवनम -विल्लुपुरम- मन्नारगुड़ी -पत्तूकोत्तई – रामानथपुरम – रामेश्वरम।

संभावित दूरी- 3300 किलोमीटर

नोट- काल परिस्थिति के अनुसार यात्रा मार्ग में परिवर्तन संभावित है।