#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला के पाहुन राम के नवनिर्मित मंदिर में गृह प्रवेश की पूर्व संध्या पर रविवार को सखी बहिनपा मैथिलानी समूह द्वारा श्यामा मंदिर परिसर में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। दीपोत्सव का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की सखियों के साथ मिलकर किया ।
मौके पर सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की सखियों ने श्यामा मंदिर परिसर स्थित तालाब के पांचो घाटों को दीपों से भव्य तरीके से सजाया एवं भव्य आरती का आयोजन किया। समूह की संरक्षिका आरती झा के मार्गदर्शन पर दरभंगा जिला इकाई की प्रमुख रोहिणी झा, सुधा झा एवं डॉ सुषमा झा आदि ने इस आयोजन में बढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ सुषमा झा के द्वारा गाए गोसाउनि गीत जय जय भैरवि… से हुआ।
मौके पर अपने संबोधन में हाल ही में मिथिला के पाहुन राम की जन्मभूमि अयोध्या में बने भव्य मंदिर में गृहप्रवेश के उपलक्ष्य में मिथिलावासी की ओर से अयोध्या में 501 भार समर्पण कर लौटे डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि राम जन्म भूमि पर विशाल मंदिर का निर्माण होना निश्चित रूप से गर्व की बात है, लेकिन यह गौरव तब तक पूर्णता हासिल नहीं कर सकता, जब तक कि मैया सीता की जन्मभूमि का उद्धार नहीं हो जाता।
उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में स्थित माता सीता के जन्मभूमि के दर्शन के बिना रामलला का दर्शन अधूरा है। क्योंकि बिना सिया के राम स्वयं अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या यात्रा के दौरान उन्होंने मिथिलावासी की ओर से रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के चंपतराय से रामलला के साथ माता सीता के जन्म भूमि पर भी विशाल मंदिर निर्माण में सहभागी बनने का आग्रह किया है। जिस पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने घोषणा की की 24 जनवरी से इस वर्ष होनेवाले जानकी नवमी के पूर्व तक विद्यापति सेवा संस्थान, मिथिला के गांव-गांव में जाकर पुनौरा धाम में जानकी मंदिर के निर्माण के प्रति जन जागरण अभियान चलाएगा। इस अभियान में सखी बहिनपा मैथिलानी समूह ने भी उनके साथ रहने की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि इस जन जागरण अभियान के दौरान मिथिला के आम व खास लोगों को सीता की जन्म भूमि से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत कराया जाएगा और इस मंदिर के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया जाएगा।
विद्यापति सेवा संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने इस अवसर पर कहा कि करोड़ों मिथिलावासी के लिए यह अत्यंत हर्ष और उल्लास की बात होगी कि राम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर के गृहप्रवेश पूजन के दौरान प्रधानमंत्री जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम में मंदिर निर्माण के निश्चित तिथि की घोषणा करें। रोहिणी झा ने कहा कि जगत जननी मां जानकी का चरित्र मिथिला एवं अयोध्या धाम के सांस्कृतिक चेतना की केंद्रीय भावना में सन्निहित है। पूरी दुनिया में अगर हमारी संस्कृति सर्वश्रेष्ठ संस्कृति के रूप में स्थापित है तो यह भगवान श्रीराम और माता जानकी के द्वारा प्रस्तुत आदर्श उदाहरण के कारण ही है।
डा सुषमा झा ने कहा कि रामायण सर्किट का क्रियान्वयन हमारी प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं को सुदृढ़ करने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। सुधा झा ने कहा कि अयोध्या और मिथिला के संबंध अत्यंत प्राचीन होने के साथ-साथ स्वर्णिम परंपरा के साक्षी रहे हैं।