लनामिवि दरभंगा:- आज दिनांक 24 फरवरी 2022 को विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा के अध्यक्षता में प्राकृतिक गुलाल बनाने की विधि का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस बाबत विभागाध्यक्ष डॉ० हंसदा ने कही कि मिथिला विश्वविद्यालय की छात्रा हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। इसी के लिये आज होली से पूर्व सबको प्राकृतिक गुलाल बनाने की विधि सिखाई गयी है ताकि होली में हमारे विश्वविद्यालय के छात्राओं के द्वारा बनाया गया हर्बल गुलाल बाजार में बिके। इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन वो दिन दूर नहीं जब मिथिला विश्वविद्यालय व खासकर गृह विज्ञान विभाग के छात्राओं के द्वारा बनाया गया हर्बल गुलाल हर जगह प्रयोग होगा। हमारी सदैव से कोशिश रही है कि मिथिला विश्वविद्यालय की छात्रा हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने व जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रियेटर बने। इसके लिये उन्हें स्वरोजगार की ट्रेनिंग दे रहे हैं ताकि हर क्षेत्र में उनका धाक बन सके। आगे उन्होंने कही कि आज जितनी छात्राओं व शोधार्थियों ने हर्बल गुलाल बनाने की प्रशिक्षण ली है वो आगामी 11 मार्च को हर्बल गुलाल का विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग में स्टॉल लगाएंगी। जहां से हर्बल गुलाल खरीदा जा सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र वैशाली के आईसीडीएस के प्रोग्राम असिस्टेंट श्रीमती सविता कुमारी ने उपस्थित सभी छात्राओं व शोधार्थियों को गेंदा के फूल के पत्ती से कलर से, सीम के पत्ता से हरा, चुकंदर से गुलाबी, हल्दी से पीला, गाजर से कजरी कलर का हर्बल गुलाल बनाने की विधि का प्रशिक्षण देते हुए कही कि होली के दौरान बाजार में केमिकल युक्त गुलाल की भरमार रहती है जो चेहरों व स्कीन के लिये काफी नुकसानदेह होती है। जो गंभीर स्कीन एलर्जी जैसी बीमारियों को जन्म देती है। इसीलिये इससे बचना चाहिये और हर्बल गुलाल का प्रयोग करना चाहिये जो कि बिल्कुल नुकसानदेह नहीं है। साथ ही आप इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर स्वरोजगार भी कर सकती हैं।
इस दौरान विभागीय शिक्षिका डॉ० अपराजिता कुमारी, डॉ० प्रगति के साथ-साथ श्रीमती उषा कुमारी उपस्थित थी। इस दौरान विभाग की नंदिनी कुमारी, सोनी कुमारी, दुर्गा कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, इंदु कुमारी, रजनी कुमारी, शशिकला कुमारी, माला कुमारी व वर्षाना कुमारी के साथ-साथ दर्जनों शोधार्थियों व छात्राओं ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।