-4.06 लाख के विरुद्ध 1.56 लाख लोगों का हुआ स्क्रीनिंग

#MNN24X7 मधुबनी/27 नवंबर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा गैर-संचारी रोग (एनसीडी) स्क्रीनिंग किया जाता है। इसमें ब्रेस्ट कैंसर, मुंह का कैंसर, मधुमेह और ब्लड प्रेशर के अलावा हाइपर टेंशन की जांच की जाती है । जिसके तहत आशा घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं से मिलकर सी बैक फार्म भरती है । इस फार्म में स्वास्थ्य, खानपान और फिजीकल एक्टिविटी को लेकर कई सवाल दिए गए हैं। इस फार्म को एएनएम एनसीडी एप पर अपलोड करती है । जिले में वित्तीय वर्ष 2022 – 23 में 4,06,207 लाख गैर संचारी रोग मरीजों के स्क्रीनिंग की योजना है लक्ष्य के विरुद्ध 1,56,959 मरीजों का एनसीडी गैर संचारी क्लिनिक में स्क्रीनिंग किया गया है. जो बिहार में सबसे अव्वल है यह आंकड़ा अप्रैल 2022 से 22 नवंबर 2022 तक का है. वहीं 168142 लोगों का सी -बैक फॉर्म भरा जा चुका है.

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर भी होता है गैर संचारी रोग का स्क्रीनिंग :

एनसीडीओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया एचडब्ल्यूसी पर कार्यरत आशा, एएनएम स्टाफ, नर्स, सीएचओ, चिकित्सा पदाधिकारी एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि कर्मियों की एक टीम द्वारा सभी आवश्यक उपकरणों एवं सामग्रियों के साथ उपस्थित होकर लोगों का गैर संचारी रोग से संबंधित बीमारियों का स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया है । आशा कार्यकर्ता एचडब्ल्यूसी, एपीएचसी एवं एचएससी के अंतर्गत कार्यक्षेत्र में प्रत्येक परिवारों का फैमिली फोल्डर एवं परिवार के 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का सी – बैक फॉर्म रुप से भरने का निर्देश दिया गया है। एनपीसीडीएस (कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम ) के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के लोगों का एनसीडी स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया है।जिसके तहत कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों की लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित किया जाना है । गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद करने का भी निर्देश दिया गया है । ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सकेगा।

क्या है एनसीडी किलनिक

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया नॉन कम्युनिकेबल डिजीज अर्थात गैर संचारी रोग संक्रामक नहीं है लेकिन इनके ग्रसित व्यक्तियों का यदि समय पर सही इलाज ना हो तो उसकी मौत भी हो सकती है ऐसे मरीजों को नि:शुल्क रूप से जांच उपचार व दवा प्रदान करने के लिए एनसीडी क्लिनिक को स्थापित किया गया है यह क्लिनिक राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संचालित होता है गैर संचारी रोग के मरीजों के लिए व राज्य सरकार की संयुक्त योजना है इसमें केंद्र व राज्य सरकार दोनों के द्वारा राशि मुहैया कराई जाती है.