आगरा। चंबल नदी मे आयी बाढ का पानी धीरे धीरे घटने लगा है।किन्तु बाढ तटवर्ती गांवो मे तबाही का वो मंजर छोड गयी है जिससे अब गरीब किसानो को बर्ष भर जूझना पडेगा।कुछ हद तक हाथ पांव सीधे हो पायेगे।तब तक अगली साल फिर बाढ आने का खतरा मंडराने लगेगा।
करीब एक सप्ताह पूर्व कोटा बैराज से करीब अलग अलग दिनो मे करीब 26 लाख क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोडा जाने के बाद चंबल मे भयंकर बाढ आ गयी।जिससे चंबल नदी के किनारे बसे बाह विधानसभा के करीब दो दर्जन गांव मे बाढ ने भीषण तबाही मचाई।जिनमे करीब दस गांव ऐसे है ।जिनके घर, मकान,स्कूल, फसले,सब चार दिन तक पूर्ण रूप से जलमग्न रहे। इनके निवासियो को टीलो पर तंबु लगाकर रहना पड रहा है। अब नदी का जलस्तर दिनोदिन घट रहा है।रविवार को नदी का जलस्तर 125 मीटर पर पहुच गया।जो खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे पहुच गया।नदी का घटता जलस्तर राहत की बात तो है।
लेकिन बाढ के बाद तबाही का जो मंजर तटवर्ती गांव मे देखने को मिल रहा है।उसे देखकर रूह कांप जायेगी। बाढ से पिनाहट के उमरैठा पुरा,क्योरी बीच का पुरा,क्योरी ऊपरी पुरा,रेहा,कछियारा, डगोंरा, पानी मे डूबे रहे ।जबकि बाह ब्लाक गांव के गुढ़ा,गोहरा,रानी पुरा भटपुरा, डाल का पुरा,भगवान पुरा,झरना पुरा, गुर्जॉ शिवलाल के घरो मे पानी भर गया था।
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चंबल नदी का जलस्तर घटने से इन सभी गांव से पानी तो निकल गया।किन्तु अब हालत बेहद गंभीर है।इन गांव के लोग अभी भी टीलो पर तंबु लगाकर रह रहे है।लोगो का मानना है कि अब गांव की गलियो मे व घरो मे भारी कीचण व मलबा भरा हुआ है।दो तीन दिन मे कीचण मलबा सूखने पर घरो मे हुऐ नुकसान का पता लगेगा।तब उनकी मरम्मत कराकर ही अंदर पहुचा जा सकेगा।ऐसे मे ज्यादातर मकान जर्जर स्थिति में है,धूप लगते ही गिर भी सकते है।
गांव गलियों में भरा कीचड़,दुर्गंध से बीमारी फैलने की आशंका
पिनाहट।बाढ के पानी मे डूबे रहे गांव की गलियों व घरों में कीचड़ व दलदल भरा हुआ है। बाढ के बाद रह गये मलबे, दलदल व गंदगी से दुर्गंध व सड़न आने लगी है। जिससे बाढ़ प्रभावित गांव मे बीमारी फैलने की आशंका है।बता दे कि उमरैठा पुरा मे बाढ का पानी निकलने के बाद समूचे गांव मे बुरी दुर्गन्ध सी दोडती रही जिससे लोगो को सांस लेने मे परेशानी होती रही।
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बाढ़ में घिरे 24 गांव के खुले संपर्क सम्पर्क, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
पिनाहट।चंबल की बाढ से रेहा,बरैण्डा,डगोरा,कछियारा,गुढा,गोहरा,रानीपुरा,भटपुरा समेत करीब दो दर्जन गांव के सम्पर्क मार्ग करीब एक सप्ताह से बंद थे।जो रविवार को नदी का पानी उतरने के साथ ही खुल गये।जिससे इन गांव के लोगो ने राहत की सांस ली।
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ प्रभावित गांव में लगाए शिविर
पिनाहट।बाढ प्रभावित गांव मे स्वास्थ्य विभाग लगातार शिविर लगाकर लोगो को बीमारियो से बचाने के लिये प्रयासरत है।रविवार को टीम ने उमरैठा पुरा,रैहा,बरैण्डा,क्योरी पुरा मे शनिवार लगाकर लोगो का चैकप कर दवा दी
उमरैठा पुरा गांव में नहीं थम रहा मकान गिरने का सिलसिला, धूप निकलते ही 6 लोगों के फिर ढह गए मकान
पिनाहट।बाढ के पानी मे डूबे रहे उमरैठा पुरा से बाढ का पानी निकलने धूप लगते ही मकानों में चटकने लगे हैं रविवार को दूसरे दिन भी ग्रामीण प्रीतम सिंह,जनवेद सिंह,छोटेलाल, भूरी सिंह,मुकुट सिंह,चरण सिंह व गोविन्द आदि के मकान सीलन व धूप से चटकने के चलते ढह गए ।लोगो की माने तो जैसे जैसे मकान धूप मे सूखेगे वैसे ही गिरते व चटकते जायेगे।