मरीजों की चिकित्सा के लिये सभी प्रखंड अस्पतालों में बनाया गया कंट्रोल रूम
मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिये की गयी नि:शुल्क एम्बूलेंस की व्यवस्था
दरभंगा. चमकी बुखार या मस्तिष्क जवर से निबटने के लिये स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है. इसे लेकर सभी प्रखंड अस्पतालों में कंट्रोल रूम शुरू किया गया है. कंट्रोल रूम के सफल संचालन को लेकर नोडल ऑफिसर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जिनका मोबाइल नंबर अस्पतालो में अंकित कर दिया गया है. वहीं सभी अस्पतालों में पूर्व चिकित्सा व्यवस्था के तहत दो बेड चिन्हित किये गये हैं. वहीं मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति में तत्काल सभी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है. यह बातें प्रेस वार्ता में सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कही. बताया कि इसे लेकर पूर्व में ही सभी चिकित्सकों व स्टॉफ को प्रशिक्षित कर दिया गया है. साथ ही नियमित रूप से यह कार्य किया जा रहा है. बताया कि सभ प्रखंड अस्पतालो में 29 प्रकार की दवाये उपलब्ध कराये गये हैं. कहा कि मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाने के लिये नि:शुल्क एम्बूलेंस की व्यवस्था की गयी है. इसके लिये मरीज के परिजनों को निकट के अस्पताल या आशा से संपर्क करना होगा. सीएस ने कहा कि वर्तमान में जिला में चमकी बुखार या मस्तिष्क ज्वर का एक भी मामला नहीं आया है. बताया कि आमजन को जागरूक करने के लिये स्वास्थ्य विभाग की ओर से वाहन चलाये जा रहे हैं, जो ऑडियो के माध्यम से आमजन को चमकी बुखार से संबंधित जानकारी व चिकित्सा की जानकारी दे रहा है.
एक से 15 साल के बच्चे होते अधिक प्रभावित
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ जेपी महतो ने बताया कि इस बीमारी को मस्तिष्क ज्वर या एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम या जापानी इंसेफेलाइटिस भी कहा जाता है. चूंकि यह गंभीर बीमारी है, जो अधिक गर्मी और नमी के मौसम में फैलती है, ऐसे में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर सतर्क किया है और इसकी रोकथाम के उपाय बताए हैं. बताया कि एक से 15 साल तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं. इम्यूनिटी कमजोर होना इसकी एक वजह हो सकता है. बहुत ज्यादा गर्मी और नमी के मौसम में इस बीमारी की तीव्रता काफी बढ़ जाती है. बताया कि वैसे किसी भी उम्र के लोगों को यह बीमारी हो सकती है. इसलिये सभी को सचेत रहने की जरूरत है. एसीएमओ डॉ एसएस झा ने बताया कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है, शरीर में ऐंठन होती है. इसके अलावा कमजोरी की वजह से बच्चा बार- बार बेहोश भी हो सकता है. कभी- कभी तो शरीर सुन्न भी हो जाता है और झटके लगते रहते हैं. इन लक्षणों पर ध्यान देने और डॉक्टर से संपर्क कर सही समय पर इलाज की जरूरत होती है. इसलिये बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं. साथ ही रात में बीच- बीच में जगकर बच्चे की निगरानी करते रहें.
नजदीकी टीका केंद्र में करावे टीकाकरण
डीआइओ डॉ एके मिश्रा ने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिये बच्चों को टीकाकरण अवश्य कराएं. वैक्सीनेशन की सुविधा नजदीकी टीका केन्द्रों पर उपलब्ध है. बताया कि टीका लेने के बाद बच्चों को इस बीमारी से बचा सकते हैं. इसके लिये सभी आमजनों का सहयोग अपेक्षित है.