#MNN@24X7 छपरा। बिहार के सारण जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में सात लोगों की संदिग्ध मौत हो गई है. जबकि कई बीमार लोग अस्पताल में इलाजरत हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि प्रशासन जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. वहीं, सूत्रों के हवाले से करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मृत्यु की सूचना मिल रही है. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों की मौके पर भीड़ उमड़ पड़ी है. ग्रामीणों की भीड़ ने एसएचए73 और एसएच90 पर आवागमान बाधित कर दिया है.
वहीं इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी किसी भी तरह की प्रशासनिक पहल दिखाई नहीं दे रही है. इलाके के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. मौके पर गाड़ियों की कतारें भी लग गई हैं. उधर आक्रोशित लोग बड़े अधिकारियों को बुलाने और मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं. जहरीली शराब पीने से मृत सभी व्यक्तियों की पहचान हो गई है. इनमें 4 लोग मशरक और 3 लोग दोयला ईशुआपुर के रहने वाले थे. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
डॉक्टर ने आशंका जताई है कि सातों व्यक्ति की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. लेकिन मौत का असल कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा. बता दें कि सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मौत की ये घटना कोई पहली नही है. यहां जहरीली शराब पीने से इस साल अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है. मालूम हो कि इससे पहले भी इसी साल अगस्त में मरहौरा और मशरक में तकरीबन 13 लोगों की शराब पीने से मृत्यु हुई थी. इस मामले में भी पुलिस पल्ला झाड़ती नजर आई थी, अब इस घटना को लेकर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.