#MNN@24X7 दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में मनरेगा ग्रामीण विकास विभाग,बिहार सरकार के तत्वाधान में जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया गया।
  
उक्त आयोजन में जल-जीवन-हरियाली अभियान से जुड़े सभी विभाग के पदाधिकारी एवं मनरेगा ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी उपस्थित होकर राज्य स्तर से प्रसारित लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली दिवस परिचर्चा को सुना गया।
   
जिला स्तर से उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी, संयुक्त निदेशक जन-संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, प्रभारी पदाधिकारी डीआरडीए राहुल कुमार,जिला मिशन प्रबंधक जल-जीवन-हरियाली ऋतु राज उपस्थित रहे,जिसमें मनरेगा विभाग द्वारा सार्वजनिक जलस्रोतों का संरक्षण,कुँआ जीर्णोद्धार कार्य, सार्वजनिक कुँआ एवं चापाकल के समीप कराए जा रहे सोख्ता निर्माण को लेकर चर्चा की गई।
     
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ग्रामीण विकास विभाग,बिहार सरकार श्रवण कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए बिहार के दूरदर्शी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 02 अक्टूबर 2019 राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के जन्म दिवस के अवसर पर इस अभियान को प्रारंभ किया गया। इसकी रूपरेखा तैयार करने को लेकर 13 जुलाई 2019 को बिहार विधान मंडल की सर्वदलीय बैठक की गई। लंबे विचार,मंथन व सुझाव के पश्चात इस अभियान की रूपरेखा तैयार की गई।
   
इन अभियान में चिन्हित 11 अवयवों पर संबंधित 15 विभागों ने उल्लेखनीय एवं प्रशंसनीय कार्य किए हैं।
  
उन्होंने कहा कि बिहार में हरित आवरण क्षेत्र का प्रतिशत 09 था जो इस अभियान के क्रियान्वयन के उपरांत 15 प्रतिशत पर पहुंच गया है, लेकिन राष्ट्रीय औसत 33 प्रतिशत पर पहुंचाने की जरूरत है।
  
उन्होंने कहा कि बिहार एक ऐसा प्रदेश है जहाँ जल स्रोतों के अतिक्रमण के हटाने के उपरांत भूमिहीन परिवारों को 60 हजार रुपये जमीन खरीदने के लिए,12 हजार रुपये शौचालय निर्माण के लिए,01 लाख 20 हजार रुपये आवास निर्माण के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
  
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दिशा में जो कार्य बिहार में किए गए हैं वह अन्य किसी राज्य में नहीं हुआ है, यहाँ के 05 करोड़ लोगों ने 18 हजार किलोमीटर में मानव श्रृंखला निर्माण कर इस अभियान को अपना समर्थन दिया।    
उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत लगभग 50 हजार जल स्रोतों का निर्माण कराया जा चुका है, 01 लाख 04 हजार चापाकल एवं 26 हजार कुआं के पास सोख्ता का निर्माण करवाया गया है। 63 हजार आहर और पईन का जीर्णोद्धार तथा 20 हजार सार्वजनिक जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जा चुका है।
  
01 लाख 12 हजार हेक्टेयर में जैविक कृषि एवं 27 हजार एकड़ में टपकन सिंचाई से खेती की जा रही है, लगभग 2000 सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जा चुका है।
  
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने वर्ष 2024 के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए कार्य-योजना बना चुकी है, इसे विभिन्न विभागों द्वारा अमली जामा पहनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का कुप्रभाव कृषि पर पड़ता है जिसके कारण मुआवजा भी दिया जा रहा है और जब तक मौसम का मिजाज नहीं बदलेगा तब तक जारी रहेगा। मौसम का मिजाज बदलने के लिए ही यह अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत 15 करोड़ 55 लाख पौधा रोपण किया गया है, जिसमें जीविका,वन विभाग एवं ग्रामीण ग्रामीण विकास विभाग कार्य कर रहा है।
   
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ.एन सरवण ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान भविष्य की योजना है, इस योजना से हमारी भावी पीढ़ी लाभान्वित होगी,उन्हें जल संकट और वायु प्रदूषण का सामना नहीं करना पड़ेगा। कृषि को मौसम बदलाव की मार नहीं झेलनी पड़ेगी।
 
उन्होंने कहा कि इस अभियान के उपरांत हमारे भू-जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
   
परिचर्चा में चकबन्दी निदेशक,दो कृषक,दो जीविका दीदी ने भी अपनी बात रखी।
 
बैठक में लघु जल संसाधन विभाग के सचिव डॉ.आशिमा जैन,जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एवं मिशन निदेशक राहुल कुमार,चकबंदी निदेशक दया निधान पाण्डेय, नगर विकास विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार, मनरेगा आयुक्त संजय कुमार सहित तमाम पदाधिकारी कार्यक्रम के दौरान ज्ञान भवन पटना में उपस्थित थे।