-सात दिनों तक चलाया जायेगा अभियान

-अभियान के तहत 81 सौ बच्चों व 1411 गर्भवती महिलाओं को दिया जायेगा टीका

-बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकरण जरूरी- डीआइओ

दरभंगा, 2 मार्च। जिला में आगामी 7 से 13 मार्च तक मिशन इन्द्रधनुष अभियान की शुरुआत की जायेगी। इसे लेकर विभागीय तैयारी की जा रही है। इस अभियान के तहत 81 सौ बच्चों व 1411 गर्भवती महिलाओं को बीमारी से बचाव के लिये टीकाकृत किया जायेगा। यह कार्यक्रम 399 चिह्नित स्थलों पर चलाया जायेगा्। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एके मिश्रा ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को लेकर विभागीय निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा। अभियान के क्रम में कोरोना संक्रमण के तहत सावधानी बरती जायेगी। कहा कि 13 मार्च तक चलने वाले इस अभियान के तहत नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी। इस विशेष अभियान से बच्चों में होने वाली बीमारियों के वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान में एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। सुदूर ग्रामीण इलाकों पर खास नजर रखने का निर्देश दिया है। वहीं सभी पीएचसी प्रभारियों को अभियान की मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया गया है। बताया कि जहां नियमित टीकाकरण नहीं होता उस क्षेत्र को प्राथमिकता दी जायेगी।

क्या है मिशन इन्द्रधनुष’ कार्यक्रम –
डीआईओ ने कहा कि भारत में मिशन के तहत ‘टीकाकरण कार्यक्रम’ की शुरुआत वर्ष 1985 में चरणबद्ध तरीके से की गई थी। जो कि विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक था। इसका उद्देश्य देश के सभी जिलों को 90 प्रतिशत तक पूर्ण प्रतिरक्षण प्रदान करना था लेकिन इस मंशा में बाधा आई है। जिससे वैक्सीनेशन का प्रतिशत कम हुआ है। नतीजा केवल 65 से 70 प्रतिशत बच्चों को उनके जीवन के प्रथम वर्ष में होने वाले रोगों से पूरी तरह से सुरक्षित कराया गया। इस कारण से ही 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत हुई। इसका असर भी व्यापक तौर पर देखने को मिला।
मिशन इंद्रधनुष सात बीमारियों से बचाने में सहायक-
डॉ एके मिश्रा ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली सात प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। बताया कि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।

नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसमें सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है। मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष चार के तहत जिला भर में पहले चक्र का अभियान सात मार्च से शुरू होगा। इसके बाद सात अप्रैल से दूसरा व सात मई से तीसरे व अंतिम चक्र के टीकाकरण अभियान का संचालन किया जायेगा। इस अभियान के तहत दो वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं के शत- प्रतिशत टीकाकरण का प्रयास किया जायेगा।