*भारतीय सेना की ताकत व मनोबल के साथ खिलवाड़ न करे सरकार – आइसा*
*आइसा- इनौस के राज्यव्यापी आवाहन पर आक्रोश मार्च आयोजित।*
दरभंगा 17 जून 2022 सेना में ठेका पट्टा पर बहाली बन्द करने, सेना के सभी संस्थानों में खाली पदों पर परमानेंट बहाली करने, अग्निपथ भर्ती योजना के नाम पर सेना बहाली में ठेककरान वापस लेने, नौजवानों को रोजगार देने सहित अन्य मांगों को लेकर आज आइसा-इनौस के राज्यव्यापी आवाहन पर शुक्रवार को आक्रोश मार्च निकाला गया।
मार्च में नारा लग रहा था कि मोदी सरकार होश में आओ, सेना में ठेकाकारण बन्द करो, देश मे निजीकरण की नीति नई चलेगी, मोदी सरकार होश में आओ सहित कई तरह के नारा लगा रहे थे।
मार्च मिर्जापुर चौक से निकलकर आयकर चौक होते हुए भोगेन्द्र झा चौक होते हुए पुनः मिर्जापुर चौक पर आकर सभा मे तब्दील हो गया। मार्च का नेतृत्व आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, जिला सह सचिव राजू कर्ण, ओणम कुमारी, विशाल कुमार माझी, चंदन आजाद कर रहे थे।
वही मिर्जापुर में अभिषेक कुमार की अद्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया।
अपने संबोधन में आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए मोदी सरकार की अग्निपथ योजना ने बिहार सहित पूरे देश में युवाओं को झकझोर दिया है। देश के कई हिस्सों से उनकी आत्महत्या की खबरें मिल रही हैं। छात्र-युवाओं के इस आक्रोश को देखते हुए होना यह चाहिए था कि सरकार इस योजना को तत्काल वापस ले लेती, लेकिन वह अड़ियल रवैया अपना रही है। छात्र-युवाओं की भावनाओं को समझने की बजाए भाजपा के लोग आइसा-इनौस व अन्य आंदोलनकारियों को बदनाम करने पर उतर आए हैं। यह घोर निंदनीय है।
दो दिनों के आंदोलन के बाद सरकार महज बहाली की उम्र सीमा में एक साल बढ़ोतरी का आश्वासन दे रही है, वह भी केवल इसी साल के लिए. इसे स्वीकार करना कैसे संभव है? सरकार के इस अड़ियल व गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने *18 जून को बिहार बंद* का आह्वान किया है।
आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव ने कहा कि यदि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ और युवाओं का मजाक उड़ाने वाली इस योजना को वापस नहीं लेती, तो बिहार बंद के बाद भारत बंद की ओर कदम बढ़ाया जाएगा। यह कैसा मजाक है कि महज 4 साल काम करने के बाद जब युवाओं की असली जिंदगी शुरू होगी, तब उन्हें रिटायर्ड कर दिया जाएगा. हमारी मांग है कि कृषि कानूनों की तरह इस योजना को अविलंब रद्द किया जाए और बिना किसी देरी के सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती की बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए।
वही जिला सह सचिव राजू कर्ण और चंदन आजाद ने कहा कि छात्र-युवाओं के गुस्से का विस्फोट स्वभाविक है। मोदी सरकार न केवल अग्निपथ योजना की आड़ में युवाओं से धोखेबाजी कर रही है, बल्कि प्रत्येक साल दो करोड़ नौकरियों का उसका वादा भी छलावा साबित हुआ है. अब यह सरकार 2024 के चुनावों से पहले दस लाख रिक्तियां बिना किसी आधार के भरने की बात कह रही है। सरकार की इस जुमलेबाजी-धोखेबाजी के खिलाफ छात्र-युवाओं ने निर्णायक लड़ाई के लिए कमर कस लिया है। वे बिहार के कोने-कोने में सड़कों पर उतर रहे हैं, रेलवे के परिचालन को ठप्प कर रहे हैं और भाजपा नेताओं का घेराव कर अपनी मांग प्रकट कर रहे हैं।
वही छात्रा नेत्री ओणम कुमारी ने कही की जॉब के नाम जुमला और बहाली की उम्र में रिटायरमेंट देने वाली मोदी सरकार के खिलाफ उभरे इस छात्र-युवा आक्रोश को और व्यापक बना दें तथा सरकार को कदम पीछे खींचने के लिए विवश कर दें. उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों, सामाजिक संगठनों और व्यापक जनता से इस आंदोलन को समर्थन देने की अपील की।
इस अवसर पर सलमान खान, दिवाकर कुमार, मंजय कुमार, अभिषेक कुमार, युगल कुमार, अरमान, हम्माद हाशमी, रौशन कुमार, मंजू सोरेन, चंदन आजाद, मिथिलेश कुमार, संतोष रजक,मोहम्मद शहाबुद्दीन, ओणम सिंह, सचिन रजक, राजू कर्ण सहित दर्जनों लोग शामिल थे।