वाराणसी।काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद मामले को अदालत चुनौती देने वाली महिलाओं में से एक लक्ष्मी देवी के पैरोकार डॉक्टर सोहन लाल आर्य को जान से मारने की धमकी मिली है।पाकिस्तान के नंबर से आई कॉल में धमकी देने वाले ने राजस्थान के कन्हैया की तरह सिर तन से जुदा करने की धमकी दी है।सोहनलाल ने इसकी शिकायत पुलिस के अधिकारियों से की है।डीसीपी काशी ने कहा कि केस दर्ज होगा। सोहनलाल को पहले से सुरक्षा मिली हुई है।

इससे पहले सोहनलाल को इसी साल 19 मार्च और फिर 20 जुलाई को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है।पाकिस्तान से आए धमकी भरे कॉल के बाद सोहनलाल ने कहा कि हिंदुत्व और मंदिर की रक्षा के लिए अगर प्राण भी चला जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता है।

सोहनलाल ने कहा कि धमकी के बारे में इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों से भी बात हुई है।अंदेशा है कि भारत से ही कोई शख्स पाकिस्तान के नंबर का इस्तेमाल करके कॉल कर रहा है। नंबरों को इंटेलिजेंस के अधिकारियों को सौंपा गया है। वाराणसी कमिश्नर और डीएम से मिलने का समय मिला है। लक्सा थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे। उनके दोनों मोबाइल नंबर पर धमकी मिली है।

दिल्ली की राखी सिंह के अलावा वाराणसी की 4 महिलाओं ने मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन और ज्ञानवापी परिसर के अन्य देव की सुरक्षा के लिए मुकदमा दाखिल किया था। डॉ. सोहनलाल आर्य वाराणसी की लक्ष्मी देवी के पति और उनके पैरोकार हैं।

आतंकवादियों की धमकी के बारे में सोहनलाल ने कहा कि मुकदमा वापस लेने की धमकी दी गई। जवाब में मैंने कहा कि हम धमकी से झुकने वाले नहीं हैं।कल 18 अगस्त को तारीख है और हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने वाला है। सोहनलाल का कहना है कि कुछ आतंकवादी संगठन उनके पीछे पड़े हैं। वो 1984 में विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इस समय RSS के प्रांतीय पदाधिकारी हैं।कहा कि षडयंत्रों से पीछे हटने वाले नहीं हूं।

ज्ञानवापी मामले में पांच सितंबर को होगी सुनवाई

ज्ञानवापी मामले में सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में अब पांच सितंबर को सुनवाई होगी। अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने वाद दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक, सर्वे में मिले कथित शिवलिंग की पूजा पाठ के साथ परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की है।

इसके अलावा तब तक अदालत से यह अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश दिए जाने का अनुरोध किया गया कि आदि विश्वेश्वर की पूजा पाठ करने में अंजुमन इंतजामिया और अन्य विपक्षियों को व्यवधान डालने से रोका जाए। इसी पर आपत्ति देने के लिए कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने समय देने की मांग की।

इसी के साथ अंजुमन ने वादिनी की तरफ से ज्ञानवापी को लेकर दाखिल नक्शे और मस्जिद गिराने के साक्ष्य के तौर पर औरंगजेब के आदेश संबंधी पर्यटन विभाग के बुकलेट पर भी आपत्ति दाखिल पहले ही की है। इन आवेदनों का निस्तारण अभी होना ही है। इस बीच वाद पोषणीय है या नहीं इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए अंजुमन ने आवेदन दिया है, जिस पर पांच सितंबर को सुनवाई होनी है।

(सौ स्वराज सवेरा)