पर्यावरण फ्रेंडली चिमनी लगाने की हो रही तैयारी :चाणक्य चौधरी
#MNN@24X7 जमशेदपुर : टाटा स्टील कंपनी ने शहर के बिस्टुपुर स्थित कोक प्लांट के बैटरी नंबर 5 में बनी 110 मीटर ऊंची अनुपयोगी चिमनी रविवार की सुबह 11 बजे सफलतापूर्वक धराशाई कर दी। वहीं चिमनी को सुबह 11 बजे ध्वस्त करने का काम शुरू किया गया और मात्र 11 सेकेंड के अंदर ही चिमनी धराशाई हो गई। इस दौरान टाटा स्टील के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने चिमनी को 4 डिग्री पर गिराने का प्लान बनाया था।
मगर जीरो डिग्री पर इसे गिराने में सफलता मिली और यह एक विश्व रिकार्ड है। चिमनी का मलबा इधर-उधर नहीं गिरा और वह जहां पर बनी थी वहीं गिरी। अब तक डिमोलिशन का 4 डिग्री पर मलबा गिरने का विश्व रिकॉर्ड था। जिसे टाटा स्टील ने जीरो डिग्री पर चिमनी गिराकर तोड़ दिया है।
वहीं रविवार की दोपहर बिस्टुपुर स्थित यूनाइटेड क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि चिमनी जर्जर हो चुकी थी और जिसके कारण से गिरा दिया गया। उन्होंने कहा कि बैटरी नंबर 5, 6 और 7 में पुरानी चिमनी है और जिसे हटाकर आधुनिक और पर्यावरण फ्रेंडली चिमनी लगाई जा रही है। इसकी जगह आधुनिक 5 ए और 6 ए चिमनी लगाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सिविल और कंक्रीट वर्क पहले कर लिया गया था। साथ ही जो ऊंचे ढांचे हैं, उसे गिराने के लिए तकनीक का इस्तेमाल भी किया गया। जिसके लिए दक्षिण अफ्रीका की एडिफिस कंपनी जिसने नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर को ध्वस्त किया था, द्वारा इस काम को किया है। पहले तय किया गया था कि इसको नॉर्मल वे में गिराना है। मगर बाद में यह फैसला बदलकर इसके लिए विशेषज्ञों की तलाश की गई। एक साल पहले से चिमनी गिराने की चर्चा चल रही थी। जिसके लिए टाटा स्टील के अधिकारियों ने डेमोनाइजेशन विशेषज्ञ रामनाथन से संपर्क किया तो उन्होंने अधिकारियों को नई तकनीकी से अवगत कराया। जीसके बाद एडिफिस कंपनी से बात कर उन्हें चिमनी गिराने का ठेका दिया गया। इस तकनीक में किसी भी मजदूर को ऊपर जाने की जरूरत नहीं होती और नीचे से ही चिमनी गिरा दी जाती है।
(सौ स्वराज सवेरा)