#MNN@24X7 फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है,जिससे ना सिर्फ सरकारी सिस्टम की पोल खुलती हुई दिखाई दे रही है और डॉक्टरों के नैतिक मूल्यों पर भी सवाल खड़ा हो रहा है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज के महिला वार्ड में प्रसूताओं की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है।यहां लेबर रूम में भी टाॅर्च की रोशनी से ही प्रसूता का ऑपरेशन किया जा रहा है।वहीं प्रसूता के परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन करने के 3 घंटे बाद भी डॉक्टरों ने महिला को टांके नहीं लगाए और वो तड़पती रही।
घंटे के बाद भी चीरे पर नहीं लगाए टांके,लेबर रूम में अंधेरा।
बता दें कि पूरा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज के महिला वार्ड का है।जहां मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव महसोना के विमलेश ने अपनी पत्नी लक्ष्मी को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया था।भर्ती होने के कुछ देर बाद यहां के स्टाफ ने लेबर रूम में चीरा लगाकर प्रसव कराया,जिसके बाद शिशु की हालत गंभीर होने पर उसे तत्काल लोहिया रेफर कर दिया गया।प्रसूता के देवर ने बताया कि लगभग 3 घंटे बीत चुके हैं और अभी तक चीरे पर टांके नहीं लगाए गए हैं। जबकि प्रसूता बुरी तरीके से तड़प रही। हैरानी की बात तो ये है कि जहां प्रसूता की डिलीवरी कराई जाती है, उस लेबर रूम में घना अंधेरा छाया हुआ है। इसके बावजूद भी कोई भी रोशनी का इंतजाम नहीं किया गया है। लिहाजा यहां खुलेआम मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है।
स्वास्थ्य केंद्र में ना बिजली और ना ही जनरेटर।
सीएचसी में डॉक्टर की इस घोर लापरवाही पर प्रसूता के परिजनों में भारी रोष है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टाॅर्च की रोशनी में प्रसूता का ऑपरेशन किया गया है। लोगों का कहना है कि आजादी के 75 साल बाद भी स्वास्थ्य महकमा टार्च की रोशनी में ऑपरेशन कर रहा है। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश के डॉक्टर इस तरह यमराज का रूप ले चुके हैं। लेबर रूम में टॉर्च की रोशनी में पूरा ऑपरेशन किया। अस्पताल में ना तो बिजली मिल रही है और ना ही जनरेटर चलता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिम्मेदार डॉक्टर पर लिया एक्शन।
वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार ने संज्ञान लिया है।लापरवाह डॉ सरवर इकबाल को कायमगंज सीएचसी से हटाकर पुलिस लाइन अस्पताल भेजा गया है। वहीं सीएमओ ने कायमगंज की घटना को लेकर 3 सदस्यीय समिति को जांच सौंपी है। समिति में ACMO डॉक्टर रंजन गौतम, एसीएमओ डॉ आरसी माथुर व एसीएमओ, डॉ प्रभात वर्मा को शामिल किया गया है। CMO ने बताया कि डीजल नहीं होने के कारण जनरेटर नहीं चलाया गया। सीएमओ ने कहा कि डॉक्टर चाहते तो डीजल डलवा सकते थे, लेकिन उन्होंने लापरवाही की। इस तरह की घटनाओं को लेकर सीएमओ ने इंचार्ज की लापरवाही बताई है।