-केंद्र सरकार के द्वारा प्रति वर्ष टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए जिलों के यक्ष्मा विभाग व राज्य स्वास्थ्य विभाग को पुरस्कृत किया जाता है.
-स्वास्थ्य विभाग ने दरभंगा प्रमंडल के तीनों जिलों सहित 12 जिले का नाम प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को भेजा दिया है
मधुबनी/23 नवंबर। राष्ट्रीय टीबी मुक्त अभियान के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रमों में बेहतर कार्य करने पर सब नेशनल सर्टिफिकेट के अंतर्गत मधुबनी जिले को रजत श्रेणी के लिए चयनित किया गया है राज्य के मधुबनी सहित 12 अन्य जिले को विभिन्न श्रेणी में बेहतर कार्य करने के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा विदित हो कि प्रति वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए जिलों के यक्ष्मा विभाग व राज्य स्वास्थ्य विभाग को पुरस्कृत किया जाता है.
स्वास्थ्य विभाग ने दरभंगा प्रमंडल के तीनों जिलों मधुबनी दरभंगा समस्तीपुर सहित बेगूसराय, भागलपुर,बक्सर, गया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सारण तथा सिवान जिले का नाम प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को भेजा दिया है. संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.जी.एम.ठाकुर ने बताया यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने को लेकर जिले को यह सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा इसी संदर्भ में केंद्र सरकार की टीम दिसंबर माह में भौतिक सत्यापन के लिए जिले में भ्रमण करेगी.
टीबी मरीजों का सर्वे करेगी टीम:
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया केंद्र सरकार की टीम जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव में हाउस टू हाउस सर्वे करेगी तथा प्रति 1000 घर पर कम से कम 3 मरीजों को चिन्हित करेगी इसके लिए जिला स्तर के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा उसके बाद प्रखंड स्तर वॉलिंटियर टीम बनाकर उन्हें भी प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद चिन्हित प्रखंडों में टीबी मरीजों के संबंध में सर्वे किया जायेगा.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन:
सिविल सर्जन डॉ.सुनील कुमार झा ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण यदि किसी में है तो कैंप में जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए. अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई भी लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें. इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.
निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों से निभाएं सच्ची मित्रता:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ.जी. एम. ठाकुर ने कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं. इसके लिए सरकार ‘निक्षय मित्र’ बनने का मौका दे रही है. अभियान के तहत ‘निक्षय मित्र’ बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं.उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और जिला यक्ष्मा केंद्र ने अपील की है कि ‘निक्षय मित्र’ बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें.
इसके तहत कोई भी सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान ‘निक्षय मित्र’ बनकर टीबी रोगियों की मदद कर सकते हैं. पोषण, जांच और रोजगार से जुड़ी मदद कर टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं.