लैब टेक्नीशियन द्वारा तैयार किया गया है फिल्म
टीबी के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने का एक सकारात्मक प्रयास:सिविल सर्जन
मधुबनी 26/ मार्च
जिले से टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इसी क्रम में स्थानीय होटल में टीबी जागरूकता व टीबी मुक्त भारत अभियान विषय पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। इस फिल्म को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में दिखाया जाएगा जिसका उद्देश्य टीबी के प्रति जागरूकता लाना है. सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा के ने बताया टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों से सचेत रहने की जरूरत है, जिसके लिए इनकी जानकारी होना बेहद जरूरी है। चलचित्र के माध्यम से टीबी के बारे में प्रचलित भ्रांतियों और सच्चाइयों से परिचित करवाया।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म में क्या है
फिल्म के निर्माता लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब ने बताया टीबी की बीमारी के प्रसार के कारण, रोकथाम, एक दूसरे में संक्रमण का संचार, सरकारी अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सीय व्यवस्था, सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवा, टीबी मरीजों की खोज में आशा की भूमिका को चलचित्र के माध्यम से दर्शाया गया है. टीबी के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है. फिल्म के कलाकार रमन मिश्रा, दिया चौधरी, पुष्पा झा ( आशा ), डॉ डीके राय, डॉक्टर राम रूप है. सिविल सर्जन ने फिल्म के कलाकारों को पुरस्कृत भी किया रमन मिश्रा दिया चौधरी को पुरस्कार स्वरूप 2100 की राशि व राधा को 1100 की राशि प्रदान किया.
जन-जन तक टीबी उन्मूलन का संदेश पहुँचना आवश्यक-
सिविल सर्जन डा. सुनील कुमार झा ने बताया सरकार 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए जनमानस में व्यापक तौर पर इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लक्षण नजर आने के बावजूद अधिकांश लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि उनको टीबी हो सकती है। ऐसे में उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती जो टीबी से ग्रसित होने के बाद पूणर्तः ठीक हो चुके हैं। टीबी से अपनी लड़ाई के बारे में लोगों को बताकर वे टीबी चैंपियंस की भूमिका निभा सकते हैं। टीबी पर प्रभावी नियंत्रण हो पाये इसके लिए बहुत जरूरी है कि लोग इस रोग के बारे में पूरी तरह से जानें एवं इससे बचने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें जो सरकार द्वारा मुफ्त में प्रदान की जाती ,का लाभ उठायें। समेकित रूप से लोगों को टीबी के बारे में जानकारी मिल सके इसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बताया टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। टीबी रोगियों को सरकार द्वारा निःशुल्क दवा दी जाती है। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों पर टीबी जांच की समुचित व्यवस्था है। लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। जन-जन तक टीबी मुक्ति के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से लोगों तक इसके बारे में जानकारी पहुँचेगी। लोग इसके समाधान के बारे में समझ पायेंगे तभी देश सहित प्रदेश भी टीबी मुक्त हो सकेगा।
टीबी जांच की समुचित व्यवस्था उपलब्ध
एसीएमओ डॉक्टर आर.के सिंह ने बताया जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सपूटम जांच की व्यवस्था की गई है तथा प्रत्येक अनुमंडलीय अस्पताल एवं बिस्फी, बाबूबरही में ट्रूनेट से जांच की व्यवस्था की गई है उन्होंने बताया भविष्य में जिले के सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर सपूटम जांच की व्यवस्था की जाएगी जहां से कूरियर के माध्यम से पीएचसी तक सपूतम भेजा जाएगा जिसके लिए कोरियर को प्रत्येक व्यक्ति के दो सैंपल पर 50 का भुगतान किया जाएगा वहीं उन्होंने बताया आशा द्वारा मरीजों के खोजने पर तथा मरीजों में टीबी की पुष्टि होने पर 500 का भुगतान किया जाता है प्राइवेट प्रैक्टिसनार के द्वारा सरकारी केंद्रों में भेजने पर उन्हें भी राशि का भुगतान किया जाएगा. एमडीआर पास से मरीज को रेफर करने पर मरीज तथा उसके एक परिजन को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है.
2025 तक टीबी का किया जाएगा उन्मूलन
सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने बताया सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक टीबी का उन्मूलन किया जाए उन्होंने बताया भारत में कई महामारियो को झेला है जिसमें पोलियो को भारत से खत्म किया जा चुका है कोरोना को भी 75% से अधिक खत्म खत्म किया जा चुका है. इसलिए जन जागरूकता के माध्यम से टीबी का भी उन्मूलन हो सकता है जिसके लिए सभी विभाग, पंचायती राज के सदस्य तथा आम लोगों को आगे बढ़ कर आना होगा तभी टीबी हारेगा देश जीतेगा.
मौके पर डॉ राजेंद्र प्रसाद रहिका प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, डब्ल्यूएचओ के एस एम ओ डॉ.आदर्श वर्गीज, डीपीसी पंकज कुमार,मोहम्मद इस्माहतुल्ला उर्फ गुलाब, अनिल कुमार, मंजर आलम आदि उपस्थित थे.