–अधीक्षक के निर्देश पर बंद पड़े कोरोना आईसीयू में कराया भर्ती
-अभिभावक ने कहा- अधीक्षक के प्रयास से बची बहन की जिंदगी

दरभंगा,9 जून। डीएमसीएच में बुधवार को मधुबनी जिला निवासी कुहैश पासवान की 15 साल की बहन को फांसी लगाने के बाद यहां लाया गया। शुरुआत में सुविधा व बेड के अभाव में मरीज को बाहर रेफर कर दिया गया था,लेकिन अधीक्षक डॉ एचएस मिश्रा की  पहल के बाद लड़की को बंद पड़े कोरोना आईसीयू में भर्ती कराया गया।

चिकित्सकों की ओर से तुरंत उपचार शुरू करने के कारण लड़की की जान बच गयी। वर्तमान स्थिति में लड़की की शारीरिक स्थिति सामान्य बतायी जा रही है। इसे लेकर परिजन कुहैश पासवान ने अस्पताल प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। बताया कि अगर यहां उपचार नहीं शुरू किया जाता तो उसकी बहन शायद जिंदा नहीं बच पाती। चिकित्सकों ने बहन की जान बचा ली।

बेड के अभाव में कर दिया रेफर-
जानकारी के अनुसार बीते बुधवार को दोपहर बाद करीब 2.30 बजे अस्पताल में लाने पर चिकित्सकों ने परिजनों को कहा कि यहां बेड खाली नहीं है। इसलिये मरीज को रेफर कर रहे हैं। पटना ले जाइये। इसी बीच इसकी जानकारी अधीक्षक डॉ एचएस मिश्रा को दी गयी। अधीक्षक ने मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुये कर्मियों को गंभीर मरीज का उपचार शुरू करने के लिये आईसीयू में बेड की उपलब्धता की जानकारी देने को कहा। कर्मियों ने बताया कि मेडिसिन आईसीयू का 19 बेड भरा हुआ है।

इधर अधीक्षक ने संबंधित चिकित्सकों को मरीज के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करने तक मरीज को रेफर नहीं करने का निर्देश दिया। आखिरकार मरीज के हित में अधीक्षक ने कदम उठाते हुये गायनी विभाग के पीछे बने कोरोना आईसीयू को खुलवाया। महीनों से बंद पड़े आईसीयू में भर्ती कर चिकित्सकों को उपचार शुरू करने को कहा। इसका सुखद परिणाम सामने आया। समय से उपचार शुरू होने पर लड़की की जान बच गयी। चिकित्सकों ने बताया कि झंझारपुर के कनकपुर की रहनेवाली 15 वर्षीया लड़की फंदे से लटक गयी थी। उसके गर्दन की हड्डी टूट गई थी।

चिकित्सा प्रक्रिया में ईएनटी विभाग के डॉ हेमंत कुमार, डॉ अदील अख्तर, डॉ श्वेता कुमारी और एनिथिसिया विभाग के डॉ रविन्द्र कुमार, डॉ भुवनेश्वर कुमार के अलावा पीजी डॉ राजीव रंजन शामिल थे। परिजनों के अनुसार लड़की की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। बताया कि वे लोग मजदूरी करते हैं। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिये उनलोगों के पास पैसा नहीं है। बताया कि डीएमसीएच में चिकित्सा सुविधा का लाभ मिला।