-अधीक्षक ने जरूरत की दवा विभाग को कराया उपलब्ध
-बाहर रेडियोथेरेपी कराने पर 10 से 12 हजार होता है खर्चा
#MNN@24X7 दरभंगा,3 नवंबर । डीएमसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग में गुरुवार से कैंसर मरीजों के लिये कीमोथेरेपी का काम फिर से प्रारंभ किया गया है. जानकारी के अनुसार दवा के अभाव में महीनों से यह काम बंद था. इस कारण मरीज व परिजनों को काफी दिक्कत होती थी. कैंसर रोगियों को बाहर जाकर थेरेपी कराना पड़ता था. इसके लिये उनको 10 से 12 हजार रुपये खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब यह परेशानी दूर हो गयी है.
अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा के प्रयास से फिर से यह सेवा शुरू की गयी है. इसके लिये विभाग को दवा उपलब्ध करा दी गयी है. बताया गया कि पहले दिन तीन मरीजों की कीमोथेरेपी की गयी . कीमोथेरेपी शुरू होने के पहले दिन अधीक्षक ने विभाग का जायजा लिया. चिकित्सकों को बेहतर तरीके से कीमोथेरेपी व बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का निर्देश दिया.
बिचौलियों का प्रभाव होगा कम–
विदित हो कि रेडियोथेरेपी विभाग में सुविधा के अभाव में महीनों से मरीजों को कीमोथेरेपी की सुविधा नहीं मिल पा रही थी. विभाग पहुंचने पर उन्हें बाहर भेज दिया जाता था. दूर- दराज से आये गरीब परिजनों का दोहन किया जाता था. इसमें विभाग के एक सेवानिवृत चिकित्सक भी शामिल थे. बताया गया कि वो विभाग में कार्यरत वर्तमान कर्मियों की मदद से मरीजों को अपने क्लीनिक बुला लेते थे. इसके लिये कर्मियों को मोटा रकम दिया जाता था, लेकिन इस थेरेपी की सुविधा विभाग में मिल जाने से मरीज व परिजनों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही बिचौलियों का प्रभाव भी इससे कम होगा.
क्या होता है कीमोथेरेपी-
चिकित्सकों के अनुसार कीमोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर उपचार है. इसे “कीमो” भी कहा जाता है. यह कई कैंसर उपचारों में से एक है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के खिलाफ दवाओं का उपयोग करता है. जो कैंसर को बढ़ाने के लिए आवश्यक हार्मोन प्राप्त करने से रोकती है. इसके अलावा इस थेरेपी से मरीजों के प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करती हैं. कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी या विकिरण चिकित्सा के साथ कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है. विदित हो कि कैंसर कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती और विभाजित होती हैं. कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती और उन्हें बढ़ने से रोकती है. यह चिकित्सा ऑन्कोलॉजिस्ट की देखरेख में किया जाता है.