गंभीर मनोरोग से पीड़ित मरीजों को अब नहीं किया जायेगा रेफर

इसी सप्ताह वार्ड शुरू करने को लेकर विभागीय पहल तेज़

फिलहाल मरीजों के लिये लगेंगे 17 बेड

व्यवस्था को लेकर चार को अधिकारियों की होगी बैठक

#MNN@24X7 दरभंगा 02 नवम्बर। डीएमसीएच में मानसिक रोगियों को लंबे उपचार के लिये अब भर्ती किया जायेगा. इससे रोगी व उनके परिजनों को सुविधा मिलेगी. मरीजों के इलाज के लिये परिजनों को बाहर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. मनोरोग मरीजों को रखने के लिये एआरटी सेंटर में वार्ड बनाया जा रहा है.

इसे लेकर विभागीय पहल तेज हो गयी है. जानकारी के अनुसार बुधवार को विभाग की चाभी साइक्रेटिक विभाग को मुहैया करा दी गयी है. गुरुवार से इसमें बेड लगाने का काम शुरू किया जायेगा. प्रारंभ में यहां 17 बेड लगाये जायेंगे. बाद में मरीजों की संख्या को देखते हुये इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी. विदित हो कि पूर्व में एनएमसी के निरीक्षण के दौरान साइक्रेटिक वार्ड नहीं होने के कारण आपत्ति दर्ज की गयी थी.

इसके मद्देनजर डीएमसीएच प्रशासन की ओर से यह कदम उठाया गया है. बताया गया कि इसी सप्ताह मरीजों के लिये यह वार्ड चालू कर दिया जायेगा. बता दें कि डीएमसीएच में भर्ती करने की सुविधा नहीं मिलने पर मनोरोग मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता है.

रोस्टर के अनुसार लगायी जायेगी ड्यूटी

बता दें कि साइक्रेटिक विभाग में नौ चिकित्सक हैँ. इसमें से दो वरीय चिकित्सक है. एक प्रोफेसर व एक असिस्टेंट प्रोफेसर है. वहीं विभाग में छह जूनियर व एक सीनियर रेजिडेंट कार्यरत हैं. वार्ड बन जाने के बाद रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों की डयूटी लगायी जायेगी. इसके अलावा गार्ड, वार्ड ब्वाय, नर्स को भी तीनों शिफ्टों में प्रतिनियुक्त किया जायेगा. वार्ड में चिकित्सा व्यवस्था के संचालन को लेकर आगामी चार को प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा, अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा व विभागाध्यक्ष डॉ उपेन्द्र पासवान की बैठक होगी. बता दें कि इससे पहले भी एआरटी सेंटर में मनोरोग वार्ड शुरू करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन नहीं हो पाया.

रोजाना पहुंचते दो दर्जन से अधिक मरीज

विभागीय कर्मियों के अनुसार ओपीडी में रोजाना दो दर्जन से अधिक केस इलाज के लिये पहुंचते हैं. उनको दवा व परामर्श देकर छोड़ दिया जाता है. वहीं गंभीर मानसिक रोगियों को बाहर रेफर कर दिया जाता है. कर्मियों ने कहा कि माह में करीब एक हजार मरीजों का उपचार होता है. इसमें से कई मरीज होते हैं, जिनको भर्ती कराने की आवश्यकता होती है, लेकिन यहां व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ता है. इसमें परिजनों को काफी दिक्कत होती है. मनोरोग वार्ड बन जाने से मरीज व परिजनों को काफी सुविधा मिलेगी.

परिजनों ने बताया कि गंभीर मानसिक रोगियों को बाहर ले जाने में काफी परेशानी होती है. कहा कि डीएमसीएच में ही मरीजों को भर्ती करने की स्थिति में सहूलियत होगी. डॉ केएन मिश्रा प्राचार्य ने कहा कि इसी सप्ताह से साइक्रेटिक वार्ड शुरू कर दिया जायेगा. इसे लेकर व्यवस्था की जा रही है.