– रैपिड रिस्पांस टीम का गठन, अस्पताल में बेड आरक्षित करने के निर्देश
– माईकिंग कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश
– डेंगू वाले मच्छरों को बढ़ाने में एसी, कूलर व फ़्रिज की भूमिका महत्वपूर्ण:
#MNN@24X7 मधुबनी/ 25 जुलाई जिले में डेंगू के नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है , हलांकि वर्तमान में जिले में डेंगू के एक भी मामले नहीं है. लेकिन बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. जिलाधिकारी ने बताया माइकिंग कर लोगों को जागरूक करें. उन्होंने बताया डेंगू के एक भी मरीज मिलने पर आसपास के 500 मीटर के परिधि में एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करें . साथ ही स्थायी जलजमाव वाले जगहों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया मरीज मिलने पर शहरी क्षेत्र में नगर निगम की ओर से छिड़काव कराना है, जबकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा छिड़काव कराया जाना है. यह अभियान ठंड के मौसम आने तक चलता रहेगा.
रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करने का निर्देश :
जिलाधिकारी ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पोंस टीम का गठन करें ताकि जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इन रोगों के प्रति जागरूकता व इलाज की सटीक जानकारी दी जाए. साथ ही आपातकाल स्थिति में सक्रिय रहने की जिम्मेदारी इस टीम को दी जाए. एसीएमओ डॉ आरके सिंह ने बताया डेंगू के मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड , सभी चारों अनुमंडलीय अस्पताल में 4 बेड तथा 17 पीएचसी में 2 बेड आरक्षित किया गया है .डॉ.सिंह ने बताया वर्ष 2019 में जिले में डेंगू के 273 मामले, 2020 में 07, वर्ष 2021 में 05, मार्च 2022 में 64, वर्ष 2023 में 79 एवं वर्ष 2024 में अभी तक एक भी मामले डेंगू से नहीं आए हैं.
डेंगू वाले मच्छरों को बढ़ाने में एसी, कूलर औऱ फ़्रिज की भूमिका महत्वपूर्ण:
बैठक के दौरान डॉ सिंह ने बताया रोगों से बचाव के लिए ज़िले में छिड़काव किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय और दूसरे विभागों की टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को बचाव के प्रति जागरूक किया जाता है। डेंगू मच्छर संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। केवल दो फुट की ऊंचाई तक उड़ पाने वाला यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। गंदे या चलते पानी में एडीज मच्छर अंडे नहीं देती हैं। इसके लिए थोड़ा सा यानी (एक चम्मच) पानी भी पर्याप्त होता है, एडीज मच्छर केवल दिन में ही काटता है। इसलिए घर के अंदर भी पूरे कपड़े पहनकर रहना चाहिए। अपने घरों या आसपास में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस तरह के मच्छरों को बढ़ाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान कूलर, एसी और फ्रिज की ट्रे की भूमिका रहती हैं। क्योंकि इसी तरह के जगहों पर एडीज मच्छर अंडे देती हैं, इसलिए फ्रिज की ट्रे को भी नियमित रूप से साफ करते रहें। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं और चिकित्सीय परामर्श लेने के बाद ही अपना इलाज़ करायें लेकिन अपनी मर्जी से दवा दुकान से दवा खरीदकर न खाएं। बल्कि चिकित्सक से उपचार करने के बाद ही दवा खाने चाहिए।
मच्छर के प्रकोप से बचाव के लिए महत्वपूर्ण बातें:
-घर में साफ-सफाई पर ध्यान रखें और कूलर, गमले का पानी रोज बदलें।
-सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और दिन में मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
-पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें।
-आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें और गंदगी वाले स्थानों पर कीटनाशक का प्रयोग करें।
-खाली बर्तन एवं सामानों में पानी जमा नहीं होने दें और इकठ्ठे हुए पानी में किरोसिन तेल डालें।
-डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।
बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया, एसीएमओ डॉक्टर आरके सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन, पिरामल से धीरज कुमार सिंह,सिफार के अमन कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.