#MNN@24X7 दरभंगा। राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर, दरभंगा के द्वारा श्यामा माई मंदिर परिसर में आयोजित श्यामा नाम धून नवाह यज्ञ संकीर्तन कार्यक्रम में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया की इस शिविर के माध्यम से आम जनों को आयुर्वेदिक चिकित्सा परामर्श के साथ-साथ स्वास्थ्य संरक्षण के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

शिविर में आए आमजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया की 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज के वर्तमान तनावग्रस्त एवं आरामतलबी जीवन शैली से मधुमेह रोग का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

मधुमेह के कारणों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आरामतलबी, गद्दी पर सोना- बैठना, कोई श्रम न करना, किसी प्रकार का सोच- विचार न करना, संपन्नता का सुख भोगना, स्नान न करना और पैदल टहलने- घूमने से नफरत करना, मन में कोई उत्साह न होना, अधिक मात्रा में भोजन करना, शरीर का अति स्थूल होना,दही, दूध,मिष्ठान,आनूप जीवो का मांस खाना, गुड़ या चीनी के बने पौष्टिक कफ वर्धक पदार्थों का अधिक सेवन से मधुमेह रोग होता है।

डॉ मनीष कुमार आलोक मधुमेह के लक्षणों को बारे में बताते हुए कहा बार-बार पेशाब आना, अधिक भूख प्यास लगना, घाव का शीघ्र न भरना, लगातार वजन घटना है। डॉ . दिनेश राम ने बताया कि मधुमेह के रोगियों को संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम करना चाहिए। ब्लड शुगर, वजन, एवं रक्तचाप संतुलित रखना चाहिए। नियमित रूप से किडनी, आंख एवं पैरों की जांच कराते रहना चाहिए‌। नियमित तौर पर योग, व्यायाम, प्राणायाम कर तनाव को दूर भगाना चाहिए।

डॉ विजेंद्र कुमार ने बताया मौसमी फल, ताजी हरी सब्जियां साबुत अनाज फाइबर युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। संतुलित भोजन तथा पर्याप्त नींद लेना चाहिए। डॉ मुकेश कुमार ने बताया की जागरूक रहें क्योंकि रोकथाम एवं बचाव उपचार से बेहतर है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिनेश कुमार ने बताया की
प्रकृति ने हमारे शरीर की रचना कार्य करने हेतु बनाई है। हमारे दैनिक जीवन से जितना ही शारीरिक श्रम का ह्रास होता जाता है उतना ही हमारा शरीर रोग का आश्रय बनता चला जाता है। अतः हमें नियमित रूप से जागरूकता के साथ दैनिक रुप में शारीरिक श्रम करना चाहिए। भारत देश में आज मधुमेह रोग तेजी से फैल रहा है। इसका मुख्य कारण हमारा आलस्य है।

मधुमेह के ज्योतिषीय कारणों पर प्रकाश डालते हुए डॉ.दिनेश कुमार ने बताया की यदि गुरु एवं शुक्र ग्रह पर शनि की दृष्टि होती है तो जातक को मधुमेह नामक रोग होता है। इस शिविर में आम जनों को निशुल्क आयुर्वेदिक परामर्श दिया जा रहा है। इसमें पेट रोग, श्वास रोग, जोड़ों के दर्द एवं अम्ल पित्त के रोगी अधिक संख्या में परामर्श ले रहे हैं।

एम. एल. सी. हरि सहनी ने इस शिविर की सराहना करते हुए कहा कि शिविर के माध्यम से आम जनों को आयुर्वेदिक चिकित्सा लाभ के साथ-साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के प्रति रुझान बढ़ रही है।उन्होंने प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद की भूरी- भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके सार्थक प्रयास से मिथिलांचल वासियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ प्राप्त हो रहा है।

इस अवसर पर ललित कुमार राय, अजीत कुमार गामी, विजय कुमार, जितेंद्र कुमार, प्रेमशंकर, सुमित कुमार आदि उपस्थित थे।