लोक शिकायत के मामलों की हुई राज्य स्तरीय समीक्षा।
#MNN@24X7 दरभंगा, 08 जून, जिला अतिथि गृह, दरभंगा के सभागार में प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार बी. राजेन्दर की अध्यक्षता में लोक शिकायत अधिकार अधिनियम एवं लोक सेवा आधिकार अधिनियम के साथ-साथ जिले में पदाधिकारियों एवं कर्मियों की पदस्थापन की स्थिति की समीक्षा बैठक की गयी।
बैठक में आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा मनीष कुमार ने दरभंगा प्रमंडल के लोक शिकायत निवारण के द्वितीय अपिलवाद के 60 कार्य दिवस से अधिक के मामलों से अवगत कराते हुए बताया कि कुल 05 मामले लंबित है, जिनमें एक पोस्को से संबंधित मामला भी है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पांचों मामलों का निष्पादन कर लेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि द्वितीय अपिलवाद के 30 कार्य दिवस से अधिक के 24 एवं 30 कार्य दिवस से कम के 05 मामले लंबित हैं।
जिलाधिकारी राजीव रौशन ने बताया कि उनके यहाँ प्रथम अपीलवाद की सुनवाई होती है। अब तक कुल – 30 हजार 694 मामले आए, जिनमें से 03 हजार 346 मामले निष्पादित किये जा चुके हैं।
दरभंगा के लोक शिकायत निवारण कार्यालयों में अबतक सुनवाई के लिए 49 हजार 261 मामले आये, जिनमें से 08 हजार 361 मामले निगेटिव हैं तथा 08 हजार 179 मामले स्थान्तरित हैं। कुल 98.3 प्रतिशत् मामले निष्पादित किये गये हैं, 45 कार्य दिवस से अधिक वालों कुल 13 लंबित मामले हैं।
उन्होंने पदाधिकारीवार मामलों का विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही बेनीपुर, बिरौल एवं सदर अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय के लंबित मामलों से भी अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने बताया कि दरभंगा में लोक सेवा अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 15 हजार 483 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 15 हजार 221 आवेदनों का निष्पादन किया गया है।
जिलाधिकारी ने जिले में रिक्त पद के संबंध में बताया कि जिले में निदेशक लेखा प्रशासन एवं नियोजन, ग्रामीण विकास, जिला भविष्य निधि पदाधिकारी तथा अपर समाहर्त्ता (विभागीय जाँच) के साथ-साथ बहादुरपुर, हायाघाट, अलीनगर, घनश्यामपुर, किरतपुर एवं केवटी में अंचलाधिकारी का पद रिक्त है। सिंहवाड़ा एवं बेनीपुर का प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का पद रिक्त है।
उन्होंने कहा कि जिले में कुल 328 लिपिक के पद स्वीकृत हैं, वर्तमान में 185 नियमित एवं 60 संविदा पर कुल – 245 लिपिक कार्यरत है।
हाल ही में नए लिपिक, राजस्व कर्मी एवं अमीन की नियुक्ति से कर्मियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने ए.सी.पी. एवं अनुकम्पा से नियुक्ति के मामलों की स्थिति से भी प्रधान सचिव महोदय को अवगत कराया। जिलाधिकारी ने बताया कि ‘‘जनता के दरबार में जिलाधिकारी कार्यक्रम’’ ऑनलाइन व्यवस्थित कर लिया गया है। इसके लिए एक एप विकसित किया गया है, इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है।
इसके अतिरिक्त ई-कोर्ट पोर्टल पर जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में सुनवाई की जा रही है, सभी मामलों को अपलोड किया जा रहा है। जिससे कोई भी व्यक्ति अपने मामले की सुनवाई की स्थित को देख सकता है।
प्रधान सचिव ने वरीय उप समाहर्त्ता, सामान्य प्रशाखा श्रीमती अमृता को निर्देश दिए कि जिले के सभी कर्मियों का उसी तरह डाटा बेस तैयार किया जाए, जिस तरह से पदाधिकारियों की सूची बनाई गई है।
उन्होंने 50 हजार रूपये से ऊपर के चिकित्सा विपत्र की प्रतिपूर्ति हेतु प्रापत आवेदन को दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय, दरभंगा एवं जिला प्रशासन के स्तर से शीघ्र अनुशंसित करते हुए सामान्य प्रशासन को प्रेषित करवाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी द्वारा नया सर्किट हाउस, स्टाफ क्वाटर्स एवं मिटिंग हॉल के निर्माण हेतु प्रेषित प्रस्ताव को तत्काल सहमति देते हुए दूरभाष पर ही शीघ्र आवंटन उपलब्ध कराने के निर्देश सामान्य प्रशान विभाग के संबंधित पदाधिकारी को दिए।
उन्होंने कहा कि कई जिलों को इस तरह के भवन बनाने के लिए 50 करोड़ रूपये तक का आवंटन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को आम लोगों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
मिथिला क्षेत्र से उनका पुराना लगाव है, मधुबनी के जिलाधिकारी के पद पर वे लम्बे समय तक रह चुके हैं। बैठक में दिए गये प्रगति प्रतिवेदन से वे काफी संतुष्ट और प्रसन्न दिखे।
बैठक के उपरांत जिलाधिकारी ने प्रधान सचिव को मिथिला का प्रसिद्ध सिक्की आर्ट पेंटिंग एवं मिथिला मखाना भेंट की।
बैठक में नगर आयुक्त कुमार गौरव, सहायक समाहर्त्ता सूर्य प्रताप सिंह, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर चन्द्रिमा अत्री, जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, विशेष कार्य पदाधिकारी सत्यम सहाय के साथ-साथ बिरौल, सदर एवं बेनीपुर के अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं
श्रम अधीक्षक राकेश रंजन उपस्थित थे।