गोरखपुर।जल‌ बिन जीवन नहीं।शायद इसी लिए बारिश का अपना अलग ही महत्व है।वर्षा की फुहार आते ही मन भी बरबस प्रफुल्लित हो उठता है,लेकिन आप सोचिए कि किसी जगह बारिश न हो तो पानी की आस लगाए आम लोग और खासकर किसानों पर क्या बीतती होगी।ऐसे में बारिश की चाह में लोग कई प्रकार के टोटके भी करते हैं।गोरखपुर में एक ऐसा ही टोटका किया गया।

उत्तर प्रदेश और बिहार में बदरा न बरसने से सूखे जैसे हालात हो ग‌ए है।ऐसे में लोग अब बारिश होने के लिए अलग-अलग तरीके से टोटका करके देवराज इंद्र और वरुण देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ कर रहे हैं।बताया जाता है कि मेंढक और मेंढकी का विवाह करवाने से जमकर बदरा बरसते है। जब जमकर बदरा बरसते है तो किसानों का चेहरा गुलाब की तरह खिल उठता हैं।

गोरखपुर के रेती पर स्थित कालीबाड़ी मंदिर पर विश्व हिंदु महासंघ नाम के संगठन के लोगों ने यूपी में बारिश न होने पर देवराज इंद्र को खुश करने के लिए से मेंढक और मेंढकी की शादी करवाने का मन बनाया।मंगलवार को विश्व हिंदू महासंघ के लोगों ने मेंढक और मेढकी की रीति रिवाज और मंत्रोच्चार के साथ बड़ी धूमधाम से अनोखी शादी करवाई।दोनों तरफ से बाराती भी आए।मेंढक और मेंढकी को हल्दी-चंदन लगाया गया।

इस अवसर पर विश्व हिंदू महासभा के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा ने कहा कि प्राचीन परंपराओं में हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि जब बारिश नहीं होती है,तो मेंढक-मेंढकी की शादी कराई जाती है।जिससे इंद्र देवता खुश हो कर बारिश कर दें।बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी से जहां आम आदमी त्रस्त हैं, तो वहीं खेतों में धान की फसल सूखने से किसानों में भी हाहाकार मचा हुआ है।मानसून में सामान्य तौर पर 15 जून से बारिश होती है,लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस बार बारिश के आसार नहीं हैं।ट्यूबवेल से सिंचाई करना किसान के लिए महंगा सौदा है।उन्होंने कहा कि यही वजह है कि रेती रोड स्थित कालीबाड़ी मंदिर में उन लोगों ने मेंढक मेंढकी की शादी करा कर इंद्र देवता को खुश करने की कोशिश की है, जिससे कि बारिश हो और सभी लोगों को राहत मिले।

राधाकांत वर्मा और उनकी पत्नी रेखा देवी वर्मा ने मिलकर मेंढक- मेंढ़की का शादी करवाई।उन्हें पूरी उम्मीद है कि इसके बाद बारिश होगी और इंद्र देवता खुश होकर उनकी मुराद पूरी करेंगे।


(सौ स्वराज सवेरा)