दरभंगा, 16 जून 2021 :- आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत *हर घर तिरंगा* कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ध्वज *तिरंगा* 135 करोड़ हम भारतीय के गर्व, प्रतिष्ठा, साहस, शांति और प्रगति का प्रतीक है।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात 3ः2 है, इसमें 03 रंग केसरिया, सफेद और हर रंग की पट्टियाँ बराबर की चौड़ाई में है। जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग – शक्ति और साहस का प्रतीक है। सफेद रंग – शांति और सत्य का प्रतीक है एवं हरा रंग – उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता का प्रतीक है। सफेद रंग की चौड़ाई के बराबर के व्यास में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र अवस्थित है, जिसमें 24 तिलीयाँ हैं। यह सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है, इसलिए इसे अशोक चक्र कहते हैं, जो बताता है कि जीवन गतिशील है और रूकने का अर्थ मृत्यु है।
उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया । गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इसे लाल किले पर फहराया जाता है। इसके साथ ही राज्य,जिला,तहसील एवं पंचायत स्तर पर तथा सभी सरकारी संस्थान में फहराया जाता है।
विगत 07 दशकों में राष्ट्रीय ध्वज की शान बचाये रखने के लिए हमारे देश के हजारों जवानों, वीरों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। यह तिरंगा हमारे आन, बान और शान का प्रतीक है। इसके सम्मान की रक्षा के लिए लिए राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम 1971 भी बनाया गया है। जिसके अनुसार पूरे सम्मान के साथ तिरंगा फहराया जाए तथा किसी भी परिस्थिति में तिरंगा भूमि पर नहीं गिरना चाहिए। साथ ही इसे उच्च स्थल पर फहराया जाता है या समीप के भवन से ऊँचा रखा जाता है।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के आलोक में *हर घर तिरंगा* कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी नागरिकों द्वारा राष्ट्रीय झण्डा अपने घर पर फहराया जाएगा, ताकि उनमें देशभक्ति की भावन जागृत हो और राष्ट्रीय ध्वज की सम्मान के प्रति जागरूकता हो सके। इसके लिए प्रत्येक गाँव में झण्डा वितरण एवं बिक्री केन्द्र चिन्ह्ति किया जाएगा।
स्वंय सहायता समूह के माध्यम से तिरंगा बनवाया जाएगा। पंचायत स्तर पर बड़ी संख्या में झण्डा का क्रय किया जाएगा।
17 Jun 2022